अखिलेश ने ये दिया है बयान
CBI ने शनिवार को आईएएस बी चंद्रकला, सपा विधायक रमेश मिश्रा समेत आधा दर्जन लोगों के घरों में छापेमारी की थी। इसी के बाद रविवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मीडिया के सामने आए और केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सपा बसपा के बीच लोकसभा चुनाव के लिये गठबन्धन होने के तुरन्त बाद सीबीआई छापों की टाईमिंग गलत कही जायेगी। अखिलेश ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित करार दिया। इसी के बाद केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योंति ने अखिलेश यादव पर ने तंज कसते हुए कहा कि अगर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया तो फिर क्यों बयानबाजी करते थे। पूरे मामले की निगरानी HIGH COURT कर रही है और उसी के आदेश पर CBI अवैध खनन की जांच कर रही है।
जमकर हुआ खनन
केंद्रीय मंत्री निरजंन ज्योंति ने कहा कि बुन्देलखंड की नदियों में अस्सी फिट नीचे तक अवैध खनन किया गया था और इसके लिये अखिलेश सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर आरोप लगे थे। जांच दो साल से चल रही थी, इसलिये सीबीआई छापों की टाईमिंग को राजनीति प्रेरित कहना उचित नहीं है। CBI कार्रवाई में केन्द्र सरकार का कोई दखल नहीं है। रही बात सपा व बसपा के गठबंधन की तो जनता 2019 में इनकी हवा निकाल देगी। भाजपा अपने साढ़े चार साल के बेदाग कार्यो को लेकर जनता के बीच जाएगी और 2014 के मुकाबले ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
गठबंधन का जनता पत्ता करेगी साफ
मंत्री ने कहा कि बसपा से चुनावी गठबन्धन करने पर मजबूर हुए अखिलेश जानते हैं कि यूपी की जनता उन्हें नकार चुकी है। दागदार वाली सरकार का नेतृत्व कर चुकने के कारण अब लोकसभा में चुनाव में एक बार फिर उनके गठबन्धन का पत्ता साफ होने वाला है। अखिलेश यादव और मायावती जब प्रदेश के सीएम थे तब जनता के पैसे का जमकर बंदरबांट हुआ। अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक’एक पैसे का इनसे हिसाब ले रहे हैं तो उन्हें हटाने के लिए एकसाथ चुनाव के मैदान में उतरने के लिए महागठबंधन बना रहे हैं। पर देश की जनता इनके कार्यनामों को भलीभांति जानती है और कमल खिलाने वाली है।
अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण
अयोध्या में मन्दिर निर्माण से जुड़े सवालों पर साध्वी सम्भल कर बोलती नजर आयीं। उन्होने कहा कि वे खुद सन्त समाज से आती हैं इसलिये सन्तों के आहवान के विरूद्ध नहीं जा रही हैं लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की भी मंशा साफ है। उन्होने उम्मीद जतायी कि सबरीमाला मन्दिर की तरह कोर्ट अयोध्या में जनभावना का ध्यान रखकर फैसला देगी और मन्दिर निर्माण का रास्ता साफ होगा। कोर्ट से केंद्र सरकार राम मंदिर के मामले पर नियमित सुनवाई की मांग करेगी और 10 जनवरी को इस पर नई बेंच सुनवाई करेगी। हमें पूरा विश्वास है कि जल्द अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण होगा।