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फर्जी छात्र दिखाकर कानपुर के दो शिक्षण संस्थानों ने हड़प ली छात्रवृत्ति

locationकानपुरPublished: Jul 13, 2019 01:30:25 pm

समाज कल्याण निदेशकर ने दोनों को जारी किया नोटिसकई और जिलों में भी इस तरह की हेराफेरी का दावा

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फर्जी छात्र दिखाकर कानपुर के दो शिक्षण संस्थानों ने हड़प ली छात्रवृत्ति

कानपुर। छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई के घोटाले में कानपुर के दो शिक्षण संस्थानों को नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा कई और संस्थान अभी जांच के दायरे में हैं, जिन पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। समाज कल्याण विभाग ने घपलेबाजों पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली है।
ये दो संस्थान आए रडार पर
समाज कल्याण निदेशक की ओर से कानपुर के यशराज इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज व शिववती शुक्ला महाविद्यालय को नोटिस जारी कर छात्रवृत्ति घोटाले की बावत जवाब मांगा गया है। इन दोनों संस्थानों ने फर्जी छात्र दिखाकर छात्रवृत्ति का काफी पैसा हड़प लिया।
सामान्य और पिछड़े वर्ग के लिए योजना
यह योजना प्रदेश के सामान्य और पिछड़े वर्ग के लिए है। इसमें छात्रों को दो लाख रुपए और अल्पसंख्यक व एससी-एसटी छात्रों को परिवार की ढाई लाख रुपए तक सालाना आमदनी होने पर इस योजना का लाभ मिलता है।
घपलेबाजी होने पर किया गया ऑनलाइन
कई स्कूलों में इस योजना की आड़ में घपलेबाजी होने लगी। छात्रों के लिए आने वाला पैसा स्कूल प्रबंधक हड़प लेते थे। शिकायतें मिलने के बाद २०१४-१५ में इस योजना को ऑनलाइन कर दिया गया, ताकि पैसा सीधे छात्रों के खातों में मिले।
सामने आया यह खेल
समाज कल्याण विभाग के मुताबिक कानपुर के दोनों संस्थानों ने अनियमित भुगतान किया है। जिन छात्रों ने बीटेक कर लिया था, उन्हें बीएड और डीएलएड जैसे कोर्सेज में दिखाकर भुगतान किया गया। जबकि ऐसा कोई नियम है ही नहीं।
फर्जी दाखिला दिखाया गया
जांच में पता चला है कि वजीफा पाने वाले कई छात्र तो ऐसे हैं, जिन्होंने परीक्षा ही नहीं दी। बताया जाता है कि फर्जी दाखिला दिखाकर छात्रवृत्ति की रकम हड़प ली गई। ४५ छात्रों की जांच में यशराज में ८.५ लाख और शिववली शुक्ला महाविद्यालय में ६०५ लाख का गोलमाल सामने आया है।
अन्य जिलों में भी है गड़बड़ी
समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने यह भी स्वीकार किया है कि इस तरह की गड़बडिय़ां अन्य जिलों के शिक्षण संस्थानों में भी हैं। समाज कल्याण निदेशक को कानपुर के दोनों शिक्षण संस्थानों से जवाब का इंतजार है। जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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