एनसीआर रुट पर विशेष माल भाड़ा परियोजना के तहत रेलवे विभाग पनकी से टूंडला तक तीसरी रेल लाइन बिछा रहा है। रेल ट्रैक खलकपुर, गुड़गांव व आंट आदि करीब दस गांव के पास से निकल रहा है। इन गांवों के सैकड़ों किसानों की भूमि रेलवे विभाग पूर्व में ही अधिग्रहित कर चुका है। हालांकि किसान उचित मुआवजा ना मिलने को लेकर पिछले वर्ष किसान यूनियन की अगुवाई में आंट गांव के पास प्रदर्शन करते रहे। किसान आंदोलन पर मंडलायुक्त ने प्रति बीघा सात लाख रुपये मुआवजा तय किया था। इसके बाद रेलवे ने किसानों को मुआवजा दे दिया है।
हालांकि अधिग्रहीत भूमि का आंशिक भाग अभी खेत की शक्ल में ही है। भगवंतपुर गांव के 40 किसानों ने लगभग सौ बीघा भूमि पर धान व मक्का की फसल बो रखी है। पिछले दिनों मालभाड़ा परियोजना का काम शुरू कराया गया है। इस पर फसल बर्बाद होने की आशंका जता किसान जुट गए और मुआवजा मांगने के साथ हंगामा शुरू कर दिया। किसानों ने रेल ट्रैक बनाने का काम रोक दिया। इस पर कार्यदायी संस्था ने प्रशासनिक अफसरों को इसकी सूचना दी। एसडीएम मैथा राम शिरोमणि सीओ रसूलाबाद आरके मिश्रा व शिवली, सचेंडी तथा रनियां चौकी पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए।
एसडीएम व सीओ ने किसानों को बताया कि उन्हें भूमि का मुआवजा पहले की मिल चुका है। अब उन्होंने जो फसल बोई है, वह उनकी नहीं है। ऐसे में मुआवजा दिया जाना संभव नहीं है। साफ अल्टीमेटम दिया कि इसके बाद रेल ट्रैक बनाने में अवरोध करने वालों पर कानूनी कार्यवाही होगी। एसडीएम व सीओ के समझाने पर किसान शांत हो गए और घर लौट गए। इसके बाद लगभग एक घंटे बाद ट्रैक बनाने का काम शुरू हो सका। एसडीएम ने बताया कि समझाने पर ग्रामीण मान गए। काम शुरू करा दिया गया।