आपको बता दें कि मौजूदा समय में नाले से 60 एमएलडी सीवेज गंगा में गिर रहा है. सीसामऊ नाले को 31 अक्टूबर तक टैप किया जाना था, लेकिन अभी तक यह कार्य पूरा नहीं किया जा सका है. जल निगम ने म्योर मिल नाले को गंगा में गिरने से पिछले दिनों ही टैप कर दिया था, लेकिन मोटर खराब होने से म्योर मिल नाला फिर गंगा में गिरना शुरू हो गया है.
वहीं अब जल निगम ने जलकल को इसकी मोटर बदलने के लिए कहा है. वहीं जलकल के एक्सईएन राजीव भटनागर ने इस संबंध में बताया कि मोटर बदलने का सवाल ही नहीं पैदा होता. उसे ठीक करा दिया जाएगा. इस नाले के जरिए रोजाना गंगा में 3 करोड़ लीटर से अधिक का सीवेज सीधे गंगा में गिरता है. इसे टैप करने के लिए फ्राइडे को भी टेस्टिंग नहीं की जा सकी. जल निगम के अधिकारियों के मुताबिक अभी राइजिंग मेन लाइन का कार्य बाकी है. चेंबर को अभी तक लाइन से जोड़ा नहीं जा सका है. वहीं नवाबगंज नाले को टैप कर दिया गया है.
इस बारे में जल निगम के जीएम आरके अग्रवाल कहते हैं कि सीसामऊ और डबका नाला को टैप करने के लिए आज टेस्टिंग की जाएगी. सीसामऊ नाले को पूरी तरह से 15 नवंबर तक टैप किया जा सकेगा. धीरे-धीरे ही नाले को टैप किया जा सकेगा. जल्दबाजी करने से काम बनने के बजाए बिगड़ भी सकते हैं. इस वजह से इंतजार करना तो लाज़मी है.