रेलवे अधिकारियों के मुताबिक स्टेशन प्रबंधक की देखरेख में गार्ड व ड्राइवरों को प्रशिक्षिण देने वाली तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. इसमें गार्ड, काउंसलर और मुख्य यार्ड मास्टर को शामिल किया गया है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक 20 दिसंबर से 31 जनवरी के बीच कोहरा अधिक पड़ता है. कोहरे को ध्यान में रखते हुए दो स्टेशनों के बीच एक सिग्नल को ऑटोमैटिक कर दिया जाता है. इस सिग्नल प्रणाली से ट्रेन का ड्राइवर व गार्ड भ्रमित न हो इसके लिए उनकी काउंसलिंग की जा रही है.
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक सर्दी के मौसम में ट्रैक चटकने की घटना ज्यादा होती हैं. चटकी पटरी से ट्रेन गुजरने पर जंपिंग महसूस होती है, लेकिन आमतौर पर गार्ड और ड्राइवर इसे नजरअंदाज कर देते हैं. एक्सपर्ट की टीम प्रशिक्षण के दौरान इन बातों पर गौर करने पर जोर देगी. इसके पीछे कारण है कि क्योंकि अगर जंप महसूस होने पर सही समय पर कंट्रोल रूम को सूचना देने से हादसे को रोका जा सकता है.
रेलवे ट्रैक मेंटीनेंस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले दिनों की रात टीआरसी ‘ट्रैक रिकॉर्डिंग कार’ कोच से लखनऊ से कानपुर व कानुपर से इलाहाबाद तक रेलवे ट्रैक का निरीक्षण किया. सूत्रों के मुताबिक कुछ स्थानों पर ट्रैक में उनको खामिया भी मिलीं. ऐेसे में जिन स्थानों को चिन्हित किया गया उन्हें पीडब्ल्यूआई की टीम को ट्रैक मेंटीनेंस करने का आदेश दिया है.