प्रदेश सरकार ने जिन 10 शर्तों के साथ टेनरियों को खोलने का आदेश जारी किया है उसमें सबसे अहम है गंगा स्वच्छता। कहा गया है कि टेनरियों से डिस्चार्ज का पानी गंगा में नहीं जाना चािहए, अगर ऐसा हुआ तो टेनरियां बद कर दी जाएंगी ओर जल निगम व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा टेनरी में पानी के प्रयोग में ५० प्रतिशत की कटौती का भी आदेश दिया गया है। साथ ही पानी के ५० प्रतिशत संसाधन भी टेनरी से हटाने होंगे। इसके अलावा भी कई शर्तें रखी गई हैं, जिनका पालन करने पर ही टेनरियां चालू रह पाएंगी।
जाजमऊ की टेनरियों को वहां स्थापित पंपिंग स्टेशनों से जोड़ा गया है। इन्हीं पंपिंग स्टेशनों से होकर टेनरियों का कचरायुक्त पानी शोधित होने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट तक जाता है। तय किया गया कि जांच टीम अब एक पंपिंग स्टेशन पर आने वाले टेनरियों के पानी को एक साथ चेक करेगी। यदि उसमें कोई गड़बड़ होती है तो उससे जुड़ी सभी टेनरियों पर कार्रवाई होगी। टेनरियों से जो पानी पंपिंग स्टेशन तक आता है, वह टेनरियों में लगाए गए प्राथमिक मिनी ट्रीटमेंट प्लांट से शोधित होकर आता है। प्रत्येक टेनरी में वेब कैमरा लगाया जाएगा, इसी के जरिए सीधे निगरानी होगी।
जून में लगातार आठ दिनों तक टेनरियों की हुई 24 घंटे की जांच से जो भी जानकारियां सामने आई हैं, उसका निस्तारण कराने की प्रक्रिया शुरू कराने के साथ ही टेनरियों को खोलने का आदेश जारी हुआ है। अब 4 अगस्त को जांच टीम फिर देखने उतरेगी कि जिन शर्तों के आधार पर टेनरियों का खोलने का आदेश हुआ है, टेनरियां उसे पूरा कर रही हैं, या नहीं।