कानपुरPublished: Jul 15, 2018 11:50:42 am
Vinod Nigam
मुन्ना बजरंगी के हत्यारोपी को पुलिस देररात फतेहगढ़ जेल में किया शिफ्ट, यहां पहले सं बंद हैं कई कुख्यात अपराधी
बजरंगी के दाहिने हाथ से रूबरू होगा राठी, जेल के बाहर है शार्प शूटर रईस बनारसी
कानपुर। झांसी से पेशी के लिए निकला माफिया डॉन बेक्रिय था। पुलिस की सुरक्षा में उसे बागपत जेल लाया गया। जहां उसके गुर्गो ने सलामी देकर जमकर खातिरदारी की। लेकिन सुबह के वक्त एकाएक जेल के अंदर फायरिंग हुई और जब तक सुरक्षाकर्मी पहुंचते तब तक मुन्ना का खेल खत्म हो गया था। बजरंगी की हत्या का आरोप सुनील राठी पर लगा, जिसे अब कानपुर जोन की सबसे सुरक्षित फतेहगढ़ लाया गया है। शनिवार की देररात राटी को करीब 11 बजे राटी जेल पहुंचा। उस वक्त सभी बंदी सो रहे थे। जेल प्रशासन ने चुपचाप राटी को एक बैरक में बंद कर दिया। पर राठी के लिए यह जेल सुरक्षा के लिहाज से अच्छी नहीं है। क्योंकि यहां पर सुपारी किलर मोनू पहाड़ी, राजन पहाड़ी सजा काट रहे हैं। ऐसे में राठी की सुरक्षा को लेकर सेंट्रल जेल प्रशासन में काफी गहमागहमी मची हुई है।
देररात पहुंचा जेल
माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी के हत्यारोपी सुनील राठी को कडी सुरक्षा के बीच फतेहगढ़ जेल रात करीब 11 बजे ले जाया गया और उक सुरक्षित बैरक में बंद कर दिया गया। बैरक के अंदर सीसीटीवी कैमरों के अलावा 24 घंटे सुरक्षाकर्मी निकरानी करेंगे। जेल में बंद कई शार्प शूटर और अपराधियों के चलत ेजिला प्रशासन भी सतर्क है। इस जेल में पहले से छोटा राजन के दो शार्प शूटर और सुभाष ठाकुर बंद हैं, वहीं मुख्तार के करीबी मुन्ना बजरंगी के साथ ही रहे मोनू पहाड़ी निवासी कानपुर और राजन पहाड़ी सजा काट रहे हैं। अब एक और पश्चिम का माफिया सुनील राठी भी जेल पहुंच गया है। बतादें शासन ने सुनील राठी को फतेहगढ़ सेंट्रल जेल के लिए स्थानांतरित के आदेश दिए। शनिवार को यह आदेश फतेहगढ़ सेंट्रल जेल को मिल गया। जेल प्रशासन दिन भर सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों में डटा रहा और में चुपचाप बैरक के अंदर बंद कर दिया गया।
यह कुख्यात अपराधी जेल में मौजूद
इस जेल में पूर्वांचल के माफिया और छोटा राजन के अति करीबी सुभाष ठाकुर के अलावा मुंबई के शार्प शूटर फिरोज और राजन कालिया भी सजा काट रहे हैं। जबकि मोनू पहाड़ी, राजन पहाड़ी, अतीक पहलवान के अलावा मोनू गैंग के दर्जनभर शूटर सजा काट रहे हैं। सुनील सेठी के आने के बाद जिले की खुफिया एजेंसी भी सतर्क हैं और जेल में आने-जाने वालों पर पिछले कई दिनों से नजर बनाए हुए हैं। जेल सूत्रों की मानें तो जिस तरह हाईसिक्योरिटी सेल में छोटा राजन गैंग के शार्प शूटरों को रखा गया है, उसी तरह की सेल में सुनील राठी को रखा गया है। सूत्रों की मानें तो बजरंगी गिरोह के शूटर मोनू पहाड़ी के बैरक में भी निगरानी बढ़ा दी गई है। मोनू पहाड़ी, रईस बनारसी कभी मुन्ना बजरंगी के गैंग में काम किया करते थे, लेकिन डॉन के पकड़े जाने के बाद मोनू भी पकड़ा गया और उसे कानपुर नगर से देहात और फिर फतेहगढ़ जेल शिफ्ट किया गया।
कौन है मानू पहाड़ी
मोनू पहाड़ी ने बचपन में चाचा महबूब हीरो से क्राइम की एबीसीडी सीखी थी। महबूब हीरो इलाके का दबंग था। उसने दबंगई के चक्कर में ही मर्डर कर दिया था। जिसमें उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। सजा पूरी होने से पहले ही जेल में उसकी मौत हुई थी। इसके बाद गैंग की कमान मोनू पहाड़ी ने संभाल ली और कानपुर का डॉन नंबर एक बन गया। मुख्तार गैंग से जुड़कर रईस के साथ न जाने कितनें लोगों को मौत के घाट उतारा। कुछ साल पहले मोनू पहाड़ी को एसटीएफ ने नौबस्ता से अरेस्ट कर लिया और उसे कोर्ट ने हत्या के एक मामले में सात साल की सजा सुनाई, जबकि उसका करीबी रईस बनारसी पुलिस कस्टडी से भागने के बाद पहाड़ी गैंग की कमान संभाले है। रईस को दबोचने के लिए एसटीएफ की कई टीमें कानपुर में डेरा जमाए हुए हैं।
अंदर-बाहर खतरा ही खतरा
सुनील सेठी के लिए फतेहगढ़ जेल सुरक्षित नहीं हैं। अंदर बजरंगी का शूटर मोनू पहाड़ी बैठा है तो बाहर मुख्तार का सुपारी किलर रईस बनारसी घूम रहा है। ऐसे में जेल के साथ ही पुलिस-प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती मिलने वाली है। वहीं जेल के साथ ही पुलिस प्रशासन ने भी कमर कस ली है। सुनील सेठी के इर्द-गिर्द सुरक्षा ऐसी है कि परिंदा भी मर नहीं मार सकता। बावजूद अपराधियों के यहां बंद होने से जेल प्रशासन की नींद उड़ी हुई है। वहीं बजरंगी का दाहिना हाथ रईस बनारसी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। सूत्रों की मानें तो भेष बदल कर रईस अक्सर मोनू पहाड़ी से मिलने के लिए माती जेल जाता था। इसकी भनक लगते ही माती जेल प्रशासन ने मोनू को फतेहगढ़ जेल शिफ्ट कर दिया। जानकारों की मानें तो बजरंगी की तरह रईस बनारसी भी खतरनाक अपराधी है और इसके सिर पर 50 हजार का इनाम है। शासन-प्रशासन गैंगवार को लेकर भी सर्तक है।