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सीनियर छात्र खबरदार, रैगिंग की तो कॅरियर होगा चौपट

locationकानपुरPublished: Jul 17, 2019 02:23:02 pm

कॉलेज से निकालने के साथ होगी गिरफ्तारी और जुर्माना भी भरना पड़ेगारैगिंग की रोकथाम के लिए हर संस्थान में एंटी रैगिंग कमेटी बनाई गई

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सीनियर छात्र खबरदार, रैगिंग की तो कॅरियर होगा चौपट

कानपुर। शहर के तमाम विश्वविद्यालयों के सीनियर छात्रों ने अगर हद पार की तो उनका कॅरियर चौपट हो जाएगा। उन्हें कॉलेज से बर्खास्त कर जेल भिजवाया जा सकता है, साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ेगा। आईआईटी, एचबीटीयू समेत कई विश्वविद्यालयों ने रैगिंग रोकने के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। जिसमें नए प्रवेश लेने वाले छात्रों को रैगिंग के नाम पर अगर प्रताडि़त किया गया तो सीनियर छात्रों पर कड़ी कार्र्रवाई की जाएगी। फिर चाहे उनका कॅरियर भले ही खत्म हो जाए, पर उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
क्या है रैगिंग
छात्र या छात्रों के समूह के माध्यम से फ्रेशर या किसी छात्र को चिढ़ाने के उद्देश्य से किया गया कार्य रैगिंग के तहत आता है। अनुशासनहीनता के साथ यदि कोई हरकत फ्रेशर या अन्य छात्र संग की जाए जिससे उसे मनोवैज्ञानिक या अन्य कष्ट पहुंचे अथवा नुकसान पहुंचाए। किसी छात्र से इस तरह का कार्य करने को कहा जाए जो स्वाभाविक नहीं है और उससे उसके स्वाभिमान को शारीरिक या मानसिक रूप से ठेस पहुंचाए। सीनियर छात्र का ऐसा कोई भी कार्य जो जूनियर की पढ़ाई में बाधा बने या किसी भी तरह से फ्रेशर का शारीरिक, मानसिक शोषण किया जाए। फ्रेशर को आर्थिक रूप परेशान करना,किसी भी तरह के अपशब्द वह चाहें किसी रूप में पहुंचाया गया हो।
एंटी रैगिंग दस्ते हुए तैयार
रैगिंग को रोकने के लिए आईआईटी, मेडिकल कॉलेज, सीएसए, एचबीटीयू समेत कई संस्थानों में एंटी रैगिंग दस्ते तैयार किए गए हैं। इस समय सभी संस्थानों में प्रवेश हो रहे हैं। इसलिए रैगिंग के खतरे से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। रैगिंग रोकथाम विनियम 2009 के तहत संस्थान की एंटी रैगिंग कमेटी, अनुशासन कमेटी आदि रैगिंग के प्रकार के आधार पर सजा तय कर सकती हैं। इसमें निलंबन, निष्कासन, परीक्षा परिणाम रोकना, हॉस्टल में प्रवेश पर रोक, आर्थिक जुर्माना और विशेष परिस्थितियों में प्राथमिकी दर्ज कराना, गिरफ्तारी आदि हो सकती है।
सीनियर छात्रों को दी हिदायत
रैगिंग रोकने के लिएि फ्रेशर और सीनियर छात्रों को निर्देश दिए जा रहे हैं। सीनियर छात्रों को सलाह दी गई है कि वे फ्रेशर के साथ दोस्ताना अंदाज में रहें। कोई ऐसी बात न करें जो फ्रेशर को आपत्तिजनक लगे और उसे किसी तरह की परेशानी हो। बल्कि सीनियर छात्र फे्रशर से मिलकर उनकी समस्या को हल कराने का प्रयास करें, ताकि नए माहौर में फ्रेशर खुद को आसानी से ढाल सकें।

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