अब अप्रैल 2014 के बाद के खातों में ऑनलाइन क्लेम में बैंक पासबुक अपलोड करनी पड़ेगी।ईपीएफओ ने क्लेम में बैंक पासबुक और चेक को इसलिए अनिवार्य किया है ताकि अंशधारक की धनराशि किसी और खाते में ट्रांसफर न हो सके। इस बीच, ईपीएफओ ने एडवांस धनराशि लेने में भी बैरियर तय कर दिया है। उच्च शिक्षा और बच्चों की शादी के लिए एडवांस सात साल बाद देने का नियम बना दिया है। सात साल बाद फार्म भरने पर साक्ष्य देने की अनिवार्यता खत्म कर दी है।
श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत की ब्याज दर को अधिसूचित कर दिया है। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि अब यह ब्याज कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के छह करोड़ अंशधारकों के खातों में डाला जाएगा। अभी तक ईपीएफओ 2017-18 के लिए मंजूर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत के हिसाब से ईपीएफ निकासी दावों का निपटान कर रहा था। अब 2018-19 के लिए ईपीएफओ दावों का निपटान ऊंची 8.65 प्रतिशत की ब्याज दर पर कर सकेगा।
गंगवार ने बयान में कहा, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि श्रम मंत्रालय ने 2018-19 के लिए ईपीएफ पर 8.65 प्रतिशत की ब्याज दर को अधिसूचित कर दिया है। यह 2017-18 की तुलना में 0.10 प्रतिशत अधिक है। मंत्री ने कहा कि इस फैसले के बाद छह करोड़ अंशधारकों के खातों में 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत की ब्याज दर के हिसाब से 54,000 करोड़ रुपये डाले जाएंगे।