महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत तालाब खोदाई, सड़क व चकरोड निर्माण, नाली निर्माण सहित अन्य कार्यों में जाबकार्ड धारक मजदूरों को 100 दिनों का निश्चित रोजगार देने की व्यवस्था शुरू की गई है। अधिकारियों के शिथिल पर्यवेक्षण के चलते वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान ग्राम सचिव व रोजगार सेवकों ने मनमाने तरीके से मजदूरों को काम दिया गया। इसके चलते अकबरपुर विकासखंड की ग्राम पंचायतों के पांच परिवारों, अमरौधा की 8 ग्राम पंचायतों के 14 परिवारों, मैथा की 2 ग्राम पंचायतों के 10 परिवारों, को भुगतान किया गया।
वहीं मलासा की 4 ग्राम पंचायतों के 6 परिवार, सरवनखेड़ा की दो ग्राम पंचायतों के दो परिवार, राजपुर की 6 ग्राम पंचायतों के सात परिवार तथा झींझक ब्लाक की 3 ग्राम पंचायतों के 3 परिवार 100 दिनों से ज्यादा का रोजगार पाने में सफल रहे। उक्त सभी 47 परिवारों को 84 दिन अधिक रोजगार देने के बाद 175 रुपये प्रतिदिन मजदूरी के हिसाब से 14700 रुपये का भुगतान भी कर दिया गया। मामले का खुलासा होने पर महकमे में हड़कंप मच गया। सभी बीडीओ को संबंधित ग्राम पंचायतों के सचिव, रोजगार सेवक व परिवारों से उक्त धनराशि वसूल करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
मुख्य विकास अधिकारी डॉ महेंद्र कुमार राय ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में कई परिवारों को मनरेगा से निर्धारित से अधिक दिनों का कार्य दिया गया है। उसे वसूल कर जिला रोजगार गारंटी निधि में जमा करने के निर्देश संबंधित विकासखंडों के बीडीओ को दिए गए हैं। वसूली में लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।