script

पुलवामा में शहीद जवानों के गांवों में खूब खिला कमल का फूल

locationकानपुरPublished: May 27, 2019 01:52:45 am

Submitted by:

Vinod Nigam

कन्नौज, कानपुर देहात, इटावा और उन्नाव जिले के चार गांव के सीआरपीएफ के जवान हुए थे शहीद, एयरस्ट्राइक के बाद मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में इकतरफा किया वोट।

persons voted to win for rashtravad in shaheeds home town

पुलवामा में शहीद जवानों के गांवों में खूब खिला कमल का फूल

कानपुर। कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों की हमलें में 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। शहीदों में कानपुर नगर, कन्नौज और उन्नाव के जवान भी शामिल थे। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इनके गांवों में जाकर कई वादे किए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर जुबानी हमला किया। लेकिन लोकसभा चुनाव में इन गांव में जनता ने विपक्षियों के बिगड़े बयानों को नजरअंदाज करते हुए भाजपा प्रत्याशी को संसद तक पहुंचाने के लिए कमल के फूलों की बारिश की है। तीनों गांवों के बूथ पर भाजपा एकतरफा जीत हासिल की है।

डिम्पल के बजाए राष्ट्रवाद
कन्नौज लोकसभा सीट की तिर्वा विधानसभा के सुखसेनपुर गांव निवासी प्रदीप सिंह पुलवामा आतंकी हमलें में शहीद हो गए थे। खुद अखिलेश यादव गांव पहुंचे और शहीद के परिजनों से मिले और उन्हें कई वादे किए। पर लोकसभा चुनाव के दौरान शहीद के गांव के मतदाताओं ने डिम्पल यादव के बजाए भाजपा के पाठक के पक्ष में मतदान किया। भाजपा प्रत्याशी ने इस बूथ से 433 में 350 मत प्राप्त किए। सपा-बसपा गठबंधन के खाते में सिर्फ 69 मत ही मिले। इससे पहले इस गांव से हर बार समाजवादी पार्टी जीतती आई है।

कानपुर देहात में सपा को नकारा
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए श्यामबाबू के गांव रैगवां नोनारी बुजुर्ग में जमकर कमल खिला। इटावा संसदीय सीट से जुड़ी सिकंदरा विधानसभा के गांव रैगवां में 360 मतदाताओं का वोट भाजपा को मिला, जो कुल पड़े मतों का 78.43 फीसद। नोनारी मतदान केंद्र रैगवां का बूथ संख्या 75 में कुल 806 मतदाता हैं, चुनाव में कुल 459 मत पड़े। इसमें भाजपा प्रत्याशी डॉ. रामशंकर कठेरिया को 360, सपा के कमलेश कुमार को 82 और कांग्रेस के अशोक कुमार दोहरे को केवल 6 मत ही मिल सके। इस बूथ पर चार प्रत्याशियों के मतों का खाता नहीं खुला, अन्य पांच प्रत्याशियों को केवल दो-दो मत व एक प्रत्याशी को एक मत ही मिला।

उन्नाव में मोदी को मिले वोट
पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए शहर के जवान अजीत कुमार के पैतृक घर उन्नाव के लोकइया खेड़ा (जुराखनखेड़ा) मोहल्ले में है। इस मोहल्ले के लोगों ने चुनाव में भगवा परचम लहराया। चौ. खजान िंसह कालेज मतदान केंद्र में इस मोहल्ले में मतदाताओं ने बूथ संख्या 192 193 और 194 में डाले। तीनों ही बूथों पर भाजपा के पक्ष में भारी मतदान हुआ। बूथ संख्या 192 में पड़े 633 वोटों में भाजपा को 412, सपा को 99 और कांग्रेस को 112 मत मिले। बूथ संख्या 193 में पड़े 532 मतों में भाजपा को 358, सपा को 89 और कांग्रेस को 75 वोट मिले हैं। बूथ संख्या 194 में 584 मत पड़े, यहां भाजपा को 364, सपा को 100, कांग्रेस को 84 वोट मिले हैं।

सपा के गढ़ में भाजपा को मिले वोट
पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए रामवकील के इटावा स्थित आवासीय क्षेत्र के गांधीनगर में स्थित वीणावादिनी स्कूल में मतदान केंद्र पर आधा दर्जन बूथों पर राष्ट्रवाद का मुद्दा जमकर चला। मतदान केंद्र पर भाजपा ने 241 मतों से विजय हासिल की। यहां पर रामवकील की पत्नी गीता अपने बच्चों के साथ रहती है। सर्जिकल स्ट्राइक को यहां के लोगों ने भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट के रूप में कमल के फूल बरसाकर संसद की राह आसान की। यहां बूथ नंबर 143, 144, 145, 146, 147 और 148 में भाजपा को 2216 और सपा 975 वोट ही मिले। यह तब है जब इटावा का क्षेत्र सपा का गढ़ माना जाता रहा है।

एयरस्ट्राइक के बाद बदला माहौल
पुलवामा हमले में शहीद जवानों की शहादत को बदला लेने के लिए हुई एयरस्ट्राइक ने सबसे ज्यादा प्रभाव डाला। यहां लोगों ने राष्ट्रवाद में आस्था जता भाजपा को बंपर वोट दिए। गांव के लोगों का मानना है कि पुलवामा हमले के बाद भारतीय एयरफोर्स ने पीओके में घुसकर जो कार्रवाई की, उससे विश्वपटल पर भारत की साख बढ़ी है। कन्नौज के शहीद के गांव के राजेश यादव कहते हैं कि हमारे गांव में इससे पहले एकतरफा समाजवाद पार्टी वोट करते आ रहे हैं। गांव में 80 फीसदी आबादी यादव वर्ग की है, जबकि 35 से 40 वोट मुस्लिम व दलित समाज के हैं। राजेश ने कहा कि पीएम मोदी के नाम पर यादव समाज ने पहली बार भाजपा को वोट दिया। इसी का परिणाम रहा कि डिम्पल यादव को 2019 में हार उठानी पड़ी।

ट्रेंडिंग वीडियो