इंग्लैंड का डाटा खरीदकर दिया झांसा
इन शातिरों ने अपना जाल फैलाने के लिए पहले मोबाइल कंपनी से इंग्लैंड के लोगों का डाटा खरीदा और फिर ई-मेल और फोन के जरिए वॉयस कॉल करते थे। इस दौरान ये शातिर इंग्लैंड के ही नंबरों का इस्तेमाल करते थे, ये नंबर भी उन्होंने टेलीकॉम कंपनियों से खरीदे थे। कॉल के दौरान इंग्लैंड के लोगों को फोन पर इंग्लैंड का ही नंबर दिखता था। फिर अंग्रेजों की तरह ही बातचीत कर उन्हें फंसा लेते थे।
इन शातिरों ने अपना जाल फैलाने के लिए पहले मोबाइल कंपनी से इंग्लैंड के लोगों का डाटा खरीदा और फिर ई-मेल और फोन के जरिए वॉयस कॉल करते थे। इस दौरान ये शातिर इंग्लैंड के ही नंबरों का इस्तेमाल करते थे, ये नंबर भी उन्होंने टेलीकॉम कंपनियों से खरीदे थे। कॉल के दौरान इंग्लैंड के लोगों को फोन पर इंग्लैंड का ही नंबर दिखता था। फिर अंग्रेजों की तरह ही बातचीत कर उन्हें फंसा लेते थे।
सिस्टम हैक होने का देते थे झांसा
ये लोग मोबाइल डाटा के जरिए इंग्लैंड के लोगों की उम्र और पेशे का पता लगाते थे। फिर आईपी काल कर बोलते थे कि नामी आईटी कंपनी से बोल रहे हैं। आपका सिस्टम हैक हो चुका है। बातों-बातों में ही ये लोग उसके सिस्टम पर रन कमांड भी चला देते हैं। इस कमांड के आखिर में एक लाइन आती है कि आपका सिस्टम हैक हो जाएगा। यह देख इंग्लैंड में बैठे लोग परेशान हो जाते थे।
मेंटीनेंस के नाम पर वसूलते थे रकम
अंग्रेजों को जब लगता था कि उनका सिस्टटम हैक हो जाएगा तो ये लोग सिस्टम मेंटीनेंस और फाइलें अनलॉक करने के नाम पर सैकड़ों पौंड वसूलते थे। इंग्लैंड में बैठे उन लोगों को ठगी का अंदाजा भी नहीं होता था और वे आसानी से रकम ट्रांसफर कर देते थे। जब इसका खुलासा इंटरनेशनल एंटी हैकर ग्रुप ने किया तो ये शातिर वेबसाइट व आफिस बंद कर भाग गए।
ये लोग मोबाइल डाटा के जरिए इंग्लैंड के लोगों की उम्र और पेशे का पता लगाते थे। फिर आईपी काल कर बोलते थे कि नामी आईटी कंपनी से बोल रहे हैं। आपका सिस्टम हैक हो चुका है। बातों-बातों में ही ये लोग उसके सिस्टम पर रन कमांड भी चला देते हैं। इस कमांड के आखिर में एक लाइन आती है कि आपका सिस्टम हैक हो जाएगा। यह देख इंग्लैंड में बैठे लोग परेशान हो जाते थे।
मेंटीनेंस के नाम पर वसूलते थे रकम
अंग्रेजों को जब लगता था कि उनका सिस्टटम हैक हो जाएगा तो ये लोग सिस्टम मेंटीनेंस और फाइलें अनलॉक करने के नाम पर सैकड़ों पौंड वसूलते थे। इंग्लैंड में बैठे उन लोगों को ठगी का अंदाजा भी नहीं होता था और वे आसानी से रकम ट्रांसफर कर देते थे। जब इसका खुलासा इंटरनेशनल एंटी हैकर ग्रुप ने किया तो ये शातिर वेबसाइट व आफिस बंद कर भाग गए।
विडोज कंप्यूटर आसानी से बनते निशाना
बताया जाता है कि विंडोज कम्प्यूटर हैकरों का आसान निशाना बन जाते हैं। आईटी एक्सपर्ट रवि कुमार बताते हैं कि इंटरनेट के जरिए कोई भी आपके कंप्यूटर की सारी गतिविधियां जान सकता है। इसमें लॉग होते हैं और इससे यह पता चल जाता है कि दिन भर में आपने कंप्यूटर पर क्या-क्या किया। क्योंकि इसका पूरा रिकार्ड बैकअप में सेव होता है और रन कमांड से इसका पता लग सकता है।
बताया जाता है कि विंडोज कम्प्यूटर हैकरों का आसान निशाना बन जाते हैं। आईटी एक्सपर्ट रवि कुमार बताते हैं कि इंटरनेट के जरिए कोई भी आपके कंप्यूटर की सारी गतिविधियां जान सकता है। इसमें लॉग होते हैं और इससे यह पता चल जाता है कि दिन भर में आपने कंप्यूटर पर क्या-क्या किया। क्योंकि इसका पूरा रिकार्ड बैकअप में सेव होता है और रन कमांड से इसका पता लग सकता है।