फिर जबरन ले गए रायबरली
परिवहन मंत्री ने दीपवाली को लेकर बसों की संख्या बढ़ाए जाने का आदेश दिया था। बावजूद शहर के कई बस स्टैंड़ों पर यात्री तो दिख, लेकिन बसें नदारद रहीं। झकरकटी में यात्रियों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हो गई और बस अड्डे की सारी बसें फुल हो गईं। बस अड्डे पर रायबरेली के लिए कोई बस नहीं थी। सौ से अधिक यात्री रायबरेली की बस तलाश रहे थे। इस दौरान कानपुर परिक्षेत्र की एक बस आई तो यात्री उसमें सवार हो गए। कई यात्री छत पर भी बैठ गए। इतनी भीड़ देख बस चालक और परिचालक के हाथ-पांव फूल गए और यात्रियों से कहा कि ये बस अभी नहीं जाएगी। इतना सुनते ही यात्री भड़क गए और बस को जबरन रायबरेली ले गए।
क्षेत्रीय प्रबंधक ने संभाली बागडोर
त्योहार पर यात्रियों की भीड़ के चलते बस अड्डे पर बसों के संचालन की व्यवस्था ध्वस्त हो गई। कमोवेश यही स्थिति सुल्तानपुर व अन्य जिलों की बसों की भी रही और यात्रियों को काफी परेशान होना पड़ा। क्षेत्रीय प्रबंधक अतुल जैन झकरकटी बस अड्डा पहुंचे और संचालन की कमान अपने हाथों में ली। क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि बस अड्डे पर बीस बसें रिजर्व कर दी गई हैं, जिस जिले या कस्बे से यात्री अधिक होंगे, उन स्थलों के लिए बसों को रवाना किया जाएगा। ये व्यवस्था 9 नवंबर तक बस अड्डे पर रहेगी। उन्होंने बताया कि पूछताछ काउंटर से भी बसों की जानकारी दी जा रही है। यात्रियों की मदद के लिए भी टीमें लगाई गई हैं।
45 सिटी बसें पहुंची बस अड्डे
क्षेत्रीय प्रबंधक ने यात्रियों की भीड़ को देखते हुए 45 सिटी बसें भी झकरकटी बस अड्डे बुलाईं और उन्हें इलाहाबाद, प्रतापगढ़, लखनऊ, सुल्तानपुर, रायबरेली, लालगंज, बिंदकी, फतेहपुर रवाना कराया। राज्य परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक अतुल जैन ने बताया कि रायबरेली जबरन बस ले जाने की जानकारी नहीं है, बस चाहे जितनी दूर से आई हो, यात्री बस में बैठते ही उम्मीद करते हैं कि तुरंत बस चल दे, यही हुआ होगा। बस में बैठने के बाद यात्री दबाव बना रहे होंगे कि चलो। साथ ही ये बताया कि चालक, परिचालकों को निर्देशित किया गया है कि किसी ढाबे पर बस रोककर यात्रियों का समय बर्बाद किया गया तो ऐसे चालक, परिचालकों को निलंबित किया जायेगा।