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गंगा सफाई अभियान की हकीकत देख एनजीटी मॉनीटरिंग कमेटी तक के उड़ गए होश

locationकानपुरPublished: Oct 28, 2018 02:38:16 pm

गंगा को साफ करने और प्रदूषण मुक्त करने के लिए सालों से किए जा रहे सरकार और जिला प्रशासन के बड़े-बड़े दावों की फाइनली हवा निकल गई. गंगा प्रदूषण की निगरानी के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से गठित निगरानी समिति गंगा सफाई की हकीकत देखी तो उसके होश उड़ गए.

Kanpur

गंगा सफाई अभियान की हकीकत देख एनजीटी मॉनीटरिंग कमेटी तक के उड़ गए होश

कानपुर। गंगा को साफ करने और प्रदूषण मुक्त करने के लिए सालों से किए जा रहे सरकार और जिला प्रशासन के बड़े-बड़े दावों की फाइनली हवा निकल गई. गंगा प्रदूषण की निगरानी के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से गठित निगरानी समिति गंगा सफाई की हकीकत देखी तो उसके होश उड़ गए. एनजीटी की गाइडलाइंस पर काम न होने पर समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड जज अरुण टंडन ने नगर निगम पर रोजाना 50 हजार रुपए जुर्माना लगाने के निर्देश दिए. इसके साथ ही उन्होंने शहर में गंदगी को देखते हुए नगर निगम को नोटिस दिया और नगर स्वास्थ्य अधिकारी को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि गंगा सफाई को लेकर बेहद लापरवाही बरती गई है.
अधिकारी कर रहे हैं सिर्फ ये काम
बता दें कि अधिकारी सिर्फ कागजों में आंकड़े मजबूत कर रहे हैं. टीम ने गंगा सफाई को लेकर किए जा रहे हर दावे की पड़ताल की और अधिकारियों के आंकड़ेबाजी को धो डाला. सर्किट हाउस में बैठक के बाद रिटायर्ड जज अरुण टंडन, रिटायर्ड आईपीएस अनीता रॉय और सीपीसीबी के प्रवक्‍ता के रूप में डॉ. अकोल्कर ने एसटीपी, कन्वेंयस चैनल, टेनरी और पंपिंग स्टेशन का निरीक्षण किया.
जताई आपत्‍ति
सबसे पहले जज अरुण टंडन सीसामऊ नाले को टैप करने के बनाए गए पंपिंग स्टेशन में सॉलिड वेस्ट न आने पर उन्होंने गहरी आपत्ति जताई और कहा कि शहर कूड़े से पटा हुआ है और ऐसा कैसे हो सकता है कि नालों में सॉलिड वेस्ट न आए. इसके बाद उन्होंने बकरमंडी नाले का निरीक्षण किया, वहां भी सॉलिड वेस्ट नहीं पाया गया. इस पर अधिकारी बगले झांकते नजर आए. उन्‍होंने कहा कि एनजीटी की ओर से दी गई गाइडलाइन पर कोई कार्य नहीं किया गया.
पंपिंग स्‍टेशन मिला बंद
इस निरीक्षण के दौरान राखी मंडी का पंपिंग स्टेशन भी बंद पाया गया. वहीं बिनगवां एसटीपी का संचालन बेहद खराब स्थिति में पाया गया. ट्रीटेड वॉटर में झाग देखकर उनका पारा चढ़ गया. इसके बाद उन्होंने प्रमुख सचिव को रोजाना रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए. उन्होंने साफ लफ्जों में कहा कि नगर निगम अरबों रुपए की बर्बादी कर रहा है. इस पर नगर निगम को नोटिस देने के निर्देश जज अरुण टंडन ने दिए. इसके साथ ही शहर में कूड़ा निस्तारण न होने और गंदगी को देखकर नगर स्वास्थ्य अधिकारी को चेतावनी दी.
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