बता दें कि अधिकारी सिर्फ कागजों में आंकड़े मजबूत कर रहे हैं. टीम ने गंगा सफाई को लेकर किए जा रहे हर दावे की पड़ताल की और अधिकारियों के आंकड़ेबाजी को धो डाला. सर्किट हाउस में बैठक के बाद रिटायर्ड जज अरुण टंडन, रिटायर्ड आईपीएस अनीता रॉय और सीपीसीबी के प्रवक्ता के रूप में डॉ. अकोल्कर ने एसटीपी, कन्वेंयस चैनल, टेनरी और पंपिंग स्टेशन का निरीक्षण किया.
सबसे पहले जज अरुण टंडन सीसामऊ नाले को टैप करने के बनाए गए पंपिंग स्टेशन में सॉलिड वेस्ट न आने पर उन्होंने गहरी आपत्ति जताई और कहा कि शहर कूड़े से पटा हुआ है और ऐसा कैसे हो सकता है कि नालों में सॉलिड वेस्ट न आए. इसके बाद उन्होंने बकरमंडी नाले का निरीक्षण किया, वहां भी सॉलिड वेस्ट नहीं पाया गया. इस पर अधिकारी बगले झांकते नजर आए. उन्होंने कहा कि एनजीटी की ओर से दी गई गाइडलाइन पर कोई कार्य नहीं किया गया.
इस निरीक्षण के दौरान राखी मंडी का पंपिंग स्टेशन भी बंद पाया गया. वहीं बिनगवां एसटीपी का संचालन बेहद खराब स्थिति में पाया गया. ट्रीटेड वॉटर में झाग देखकर उनका पारा चढ़ गया. इसके बाद उन्होंने प्रमुख सचिव को रोजाना रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए. उन्होंने साफ लफ्जों में कहा कि नगर निगम अरबों रुपए की बर्बादी कर रहा है. इस पर नगर निगम को नोटिस देने के निर्देश जज अरुण टंडन ने दिए. इसके साथ ही शहर में कूड़ा निस्तारण न होने और गंदगी को देखकर नगर स्वास्थ्य अधिकारी को चेतावनी दी.