फर्जी शिकायत के आधार पर किया उत्पीडऩ
सहायक आयकर आयुक्त राम भार्गव ने वाहन कारोबारी जितेंद्र कुमार का हर तरह से उत्पीडऩ किया। इसके लिए भार्गव ने एक फर्जी शिकायतकर्ता से मिले शिकायती पत्र के आधार पर जितेंद्र कुमार का सब कुछ बर्बाद कर दिया। वैजयंती गुप्ता नाम की महिला ने दिए शिकायती पत्र में जितेंद्र पर साढ़े पांच लाख रुपए हड़पने का आरोप लगाया था। जिसकी रिकवरी के लिए भार्गव ने जितेंद्र का उत्पीडऩ किया, पर बाद में पता चला कि वैजयंती गुप्ता नाम की कोई शिकायतकर्ता है ही नहीं, यह तो भार्गव के दिमाग की उपज थी।
सहायक आयकर आयुक्त राम भार्गव ने वाहन कारोबारी जितेंद्र कुमार का हर तरह से उत्पीडऩ किया। इसके लिए भार्गव ने एक फर्जी शिकायतकर्ता से मिले शिकायती पत्र के आधार पर जितेंद्र कुमार का सब कुछ बर्बाद कर दिया। वैजयंती गुप्ता नाम की महिला ने दिए शिकायती पत्र में जितेंद्र पर साढ़े पांच लाख रुपए हड़पने का आरोप लगाया था। जिसकी रिकवरी के लिए भार्गव ने जितेंद्र का उत्पीडऩ किया, पर बाद में पता चला कि वैजयंती गुप्ता नाम की कोई शिकायतकर्ता है ही नहीं, यह तो भार्गव के दिमाग की उपज थी।
फ्लैट हड़पने के लिए रची साजिश
राम भार्गव और जितेंद्र कुमार की पुरानी पहचान भी थी। भार्गव के पिता और जितेंद्र की पत्नी टेलीफोन विभाग में थे। दोनो परिवार बड़ा चौराहा पर डाकघर कालोनी में रहते थे। दोनों परिवारों का एक दूसरे के घर आना जाना था। इसी बीच जितेंद्र ने भार्गव को सिविल लाइंस स्थित अपना फ्लैट दिखाया तो भार्गव की उस पर नीयत खराब हो गई। भार्गव ने उसे खरीदना चाहा तो जितेंद्र ने मना कर दिया, बस इसी के बाद भार्गव ने पूरी साजिश रच डाली।
राम भार्गव और जितेंद्र कुमार की पुरानी पहचान भी थी। भार्गव के पिता और जितेंद्र की पत्नी टेलीफोन विभाग में थे। दोनो परिवार बड़ा चौराहा पर डाकघर कालोनी में रहते थे। दोनों परिवारों का एक दूसरे के घर आना जाना था। इसी बीच जितेंद्र ने भार्गव को सिविल लाइंस स्थित अपना फ्लैट दिखाया तो भार्गव की उस पर नीयत खराब हो गई। भार्गव ने उसे खरीदना चाहा तो जितेंद्र ने मना कर दिया, बस इसी के बाद भार्गव ने पूरी साजिश रच डाली।
सब कुछ कर दिया बर्बाद
भार्गव ने अपनी कुर्सी की ताकत का इस्तेमाल किया और फर्जी शिकायत के आधार पर जितेंद्र के सारे खातों का संचालन रोक दिया। फ्लैट का आवासीय ऋण भी बैंक से रद्द कराकर उसे बेच दिया। इतना ही नहीं जितेंद्र के छत्तीसगढ़ रायपुर स्थित पैतृक घर पर भी २.७५ करोड़ की देनदारी दिखाकर उसे अटैच कर दिया।
भार्गव ने अपनी कुर्सी की ताकत का इस्तेमाल किया और फर्जी शिकायत के आधार पर जितेंद्र के सारे खातों का संचालन रोक दिया। फ्लैट का आवासीय ऋण भी बैंक से रद्द कराकर उसे बेच दिया। इतना ही नहीं जितेंद्र के छत्तीसगढ़ रायपुर स्थित पैतृक घर पर भी २.७५ करोड़ की देनदारी दिखाकर उसे अटैच कर दिया।
लंबी लड़ाई के बाद मिली जीत
भार्गव के खिलाफ जितेंद्र की लड़ाई जारी रही। जितेंद्र ने सारे सबूतों के साथ वित्त मंत्रालय तक अपनी बात पहुंचाई और आखिरकार उसकी जीत हुई। भार्गव पर हुई कार्रवाई के बाद जितेंद्र ने संतोष जताया। बोले मेरा सब कुछ भले ही बर्बाद हो गया पर भार्गव पर हुई कार्रवाई से संतोष है।
भार्गव के खिलाफ जितेंद्र की लड़ाई जारी रही। जितेंद्र ने सारे सबूतों के साथ वित्त मंत्रालय तक अपनी बात पहुंचाई और आखिरकार उसकी जीत हुई। भार्गव पर हुई कार्रवाई के बाद जितेंद्र ने संतोष जताया। बोले मेरा सब कुछ भले ही बर्बाद हो गया पर भार्गव पर हुई कार्रवाई से संतोष है।