नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड मैनेजमेंट ऑन बर्न इंजरी के तहत बनने वाली इस यूनिट में पहले 12 बेड का ही प्रावधान था. प्रोजेक्ट की लागत भी 3 करोड़ के करीब थी, लेकिन बर्न पेशेंट्स के बढ़ते बोझ को देखते हुए प्रोजेक्ट को रिवाइज किया गया. जल निगम की कंस्ट्रक्शन विंग सीएंडडीएस ने बर्न यूनिट के लिए दोबारा प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की, जिसमें यूनिट की क्षमता को बढ़ा कर 26 बेड कर दिया गया.
अभी एलएलआर हॉस्पिटल में इमरजेंसी के पास बनी पुरानी बर्न यूनिट की हालत खस्ता है. इस यूनिट में इंफेक्शन का स्तर काफी ज्यादा है. 12 बेड की क्षमता वाली इस यूनिट में भर्ती होने वाले मरीजों के लामा होने की दर भी सबसे ज्यादा है. इसके अलावा भर्ती होने वाले मरीजों का सर्वाइवल रेट भी बेहद कम है.
इस बारे में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. आरती लाल चंदानी कहती हैं कि नई बर्न व प्लास्टिक सर्जरी यूनिट के निर्माण को लेकर प्रोजेक्ट रिपोर्ट केंद्र सरकार को भिजवाई है. इस पर जल्द फंड जारी होने की उम्मींद है. इससे एलएलआर हॉस्पिटल में आने वाले बर्न मरीजों को काफी फायदा होगा. उन्हें कई तरह की सहूलियत मिलेगी.