समाज में अच्छी पकड़
पूर्व दस्यु सरगना मलखान सिंह अब शिवपाल यादव की प्रगतिशील पार्टी लोहिया के स्टार प्रचारक के रूप में काम कर रहे हैं। अर्कवंशी समाज से आने वाले मलखान का हरदोई और मिश्रिख के अलावा कानपुर देहात लोकसभा क्षेत्र में काफी दबदबा बताया जाता है। उनके समाज से ताल्लुक रखने वाले मतदाता भी इन तीनों क्षेत्रों में सबसे ज्यादा हैं। हरदोई में इनकी संख्या करीब 55 हजार, मिश्रिख में 15 तो वहीं कानपुर देहात में भी करीब 16 हजार के आसपास है।
55 लाख से ज्यादा मतदाता
उत्तर प्रदेश में करीब 55 लाख से ज्यादा अर्कवंशी समाज के लोग हैं। अर्कवंशी समाज के लोग कहीं पर पिछड़ी जाति में गिने जाते हैं, तो कहीं पर सवर्ण जातियों में इनकी गिनती होती है। मलखान सिंह पहले भाजपा में थे। बीते माह वो कानपुर आए थे। यहां अपने समाज के लोगों के साथ बैठक कर भाजपा से हरदोई, मिश्रिृत के अलावा बांदा सीट से टिकट की दावेदारी की थी। लेकिन जब भाजपा ने मलखान को पार्टी का चुनाव चिन्ह नहीं दिया तो पूर्व दस्यू बागी हो गए और भगवा गमझा छोड़ शिवपाल से हाथ मिला लिया।
कई सीटों पर करेंगे प्रचार
प्रसपा कानपुर प्रभारी रघुराज शाक्य ने बताया कि पार्टी के उम्मीदवार मलखान सिंह प्रदेश के कई सीटों पर प्रचार करेंगे। मिश्रिख से प्रगतिशील पार्टी की प्रत्याशी अरुणा कोरी चुनाव लड़ रही हैं। जबकि कानपुर देहात से महेंद्र सिंह यादव को प्रसपा ने उम्मीदवार बनाया है। जल्द ही इन दोनों सीटों पर मलखान सिंह के अलावा शिवपाल फैन्य एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशीष चैबे भी प्रचार कर पार्टी को जीत दिलानें में अहम रोल निभाएंगे।
गठबंधन के वोटबैंक में सेंधमारी
सपा-बसपा गठबंधन के बाद ये तीनों हाथी के पास हैं। मायावती ने यहां अपने उम्मीदवार भी उतार दिए हैं। अर्कवंशी समाज के वोट का झुकाव कई चुनाव में बसपा की तरफ रहा है। अब पूर्व दस्यू के प्रसपा के साथ आने के बाद समीकरण बदल सकते हैं। मलखान सिंह के चुनाव प्रचार से गठबंधन के वोटबैंक पर सेंधमारी हो सकती है। जबकि भाजपा व कांग्रेस भी मलखान पर नजर है। पूर्व दस्यू को ग्रामीण अंचलों में अन्य समाज के लोग भी सुनते हैं। ऐसे में अब मलखान के स्टार प्रचारक बनने के बाद सियासत गर्म है।