सभी पीएफ खातों को अपडेट करने के लिए ईपीएफओ ने यूपी में अभियान शुरू किया है, जिसके तहत आधार और बैंक खातों को लिंक करना अनिवार्य किया गया है. इस नियम के अनुसार जब पड़ताल की गई तो 9.24 लाख पीएफ खातों में आधार और 11.13 लाख खातों में बैंक खाता लिंक नहीं था. इसके बाद 4 हजार कंपनियों यानी नियोक्ताओं को नोटिस जारी किए गए. ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त ने बताया कि कानपुर में 2.34 लाख खाते लिंक नहीं कराए गए हैं, जिन्हें एक्ट 14 के तहत नोटिस भेजे गए हैं. उन्होंने बताया कि आधार और बैंक खाता लिंककरने से अंशधारक के साथ नियोक्ताओं को भी फायदा होगा. साथ ही आने वाले समय में कई तरह के झंझट से भी छुटकारा मिल जाएगा. अभी तक कंपनियां इस सामान्य निर्देश मानती रहीं, लेकिन अब इसे न मानने वालों को नुकसान ही होगा. क्योंकि निर्धारित समय बीतने के बाद कार्रवाई की जाएगी.
पीएफ खातों को आधार और बैंक खाते से लिंक कराने पर अंशधारकों को कई फायदे होंगे. जैसे अंशधारक को एडवांस और क्लेम लेने में नियोक्ताओं से सत्यापन कराने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी. क्लेम ऑनलाइन हो सकेंगे. जॉब बदलेंगे तो यूएएन खातों पर असर नहीं पड़ेगा. इसके अलावा पीएफ खाते में लगातार जमा हो रही और ब्याज की राशि की जानकारी मिलती रहेगी.
नियोक्ताओं को 1 अप्रैल 2018 के बाद नियुक्त नए कर्मचारियों का अंशदान जो 12 फीसदी है, तीन साल तक जमा नहीं करना पड़ेगा. इसके लिए नियोक्ता को प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना में लिंक कराना होगा, तब इस योजना का फायदा मिल पाएगा. नियोक्ताओं को इलेक्ट्रानिक चालानकम रिटर्न से छुटकारा मिलेगा. साथ ही उन्हें फॉर्म 5 और 10 भी नहीं भरना पड़ेगा.