एलिवेटेड रोड का निर्माण उन जगहों पर होता है, जहां ट्रैफिक ज्यादा रहती है और जमीन कम। एलिवेटड रोड तकनीकी रूप से एक पुल की तरह होता है। वैसे इलाकों में एलिवेटेड रोड निर्माण को प्राथमिकता दी जाती है, जहां घनी आबादी की वजह से जमीन का अधिग्रहण मुश्किल हो जाता है। इसके अतिरिक्त नजदीकी इलाकों को भी एलिवेटड रोड के सहारे जोड़ा जा सकता है।
आम चुनाव से पहले अवार्ड होते ही एजेंसी से करार के बाद एक साथ निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। कन्नौज से ६५ किलोमीटर और उसके बाद कानपुर कल्याणपुर तक ६९ किलोमीटर का निर्माण दो अलग-अलग निर्माण एजेंसियां करेंगी। कानपुर और कन्नौज प्रशासन ने सिक्सलेन के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। फोरलेन को २०२१ में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
अलीगढ़ से कल्याणपुर के बीच २७४ किलोमीटर हाईवे को ५ भाग में ५ निर्माण एजेंसियां बनाएंगी। एनएचएआई ने अलीगढ़ तक ५४ किलोमीटर के बाईपास भी बनाने का फैसला किया है। चौबेपुर में आखिरी बाईपास बनेगा। रेलवे क्रॉसिंगों पर सिक्सलेन के फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। आठ स्थानों पर रेलवे लाइन के ऊपर फ्लाईओवर बनेंगे। बिल्हौर तक पांच फ्लाईओवर बनाए जाएंगे।