500 मीटर की दूरी पर बनाया ठिकाना
चकेरी एअरपोर्ट से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर संदिग्ध हिजबुल का आतंकवादी कमर उल-जमां उर्फ डॉक्टर हुरैरा को गिरफ्तार किया। लेकिन पुलिस-प्रशासन को हमेशा की तरह भनक नहीं लगी और आतंकी को यूपी एटीएस रात में पकड़ कर लखनऊ ले गई। जिस मकान में कमर उल-जमां रहता था उससे एक किलोमीटर की परिधि में अहिरवां हवाई अड्डा और एयर ट्रैफिक कंट्रोल का दफ्तर है। साथ ही एअरपोर्ट में हरदिन बीजेपी के बड़े-बड़े नेता हेलीकॉप्टर से उतरते हैं और कार के जरिए यहां से रवाना होते हैं। तीन दिन पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल रामनाईक और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा शहर आए थे। शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ भी चकेरी एअरपोर्ट आ रहे हैं और उसके पहले आतंकवादी के पकड़े जाने के बाद पुलिस के काम-काज पर लोग सवालिया निशान लगा रहे हैं।
20 को फिर आएंगे सीएम
20 अक्टूबर से होने वाले देशभर में चर्चित महानाट्य जाणता राजा को देखने प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आएंगे। दोनों ने बुधवार को इस महानाट्य के टिकट खरीद लिए। जाणता राजा महानाट्य आयोजन समिति के सदस्यों ने सुबह लखनऊ में मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मुलाकात की। संस्था के अध्यक्ष डॉक्टर उमेश पालीवाल ने बताया कि लखनऊ की महापौर भी एक दिन के लिए यहां आएंगी। आयोजन सीएसए विवि परिसर में छह दिनों तक चलेगा। पर उसके पहले आतंकवादी के पकड़े जाने के बाद चकेरी से लेकर पूरे शहर में सनसनी फैल गईं आतंकवादी गणेश महोत्सव में बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिंराक में थे। हिजबुल आतंकी के पकड़े जाने के बाद सभी गणेश मंदिरों और बड़े पंडालों में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
जवानों के घर यहीं पर बनें
चकेरी गांव में रहने वाले उजियारी लाल यादव ने चकेरी मोड़ शिव नगर में दो मंजिला मकान बनवाया है। इस मकान में नीरज, मकसूदन, रेलवे गनमैन (रिटायर्ड) जानी, रिटायर्ड दरोगा प्रेम कुमार पाल का भांजा, प्राइवेट फैक्ट्री कर्मी देवेंद्र और एलएमएल के रिटायर्ड कर्मचारी जीएल सर्खिल समेत नौ लोग किराए पर रहते हैं। इसमें कमर उल-जमां भी शामिल है। जहां से आतंकवादी कमर उल-जमां को पकड़ा गया है उसके आसपास के इलाके में सेना और एयरफोर्स से जुड़े लोगों के घर हैं। कमर उल-जमां एक स्कूटी लेकर वहां आता-जाता था, जिस पर एयरफोर्स लिखा था। इससे एटीएस अफसरों को लग रहा है कि एयरफोर्स से जुड़ा कोई शख्स कमर उल-जमां के संपर्क में रहा है। यह शख्स कौन है, यह पता लगाने में एटीएस और खुफिया अफसर जुट गए हैं।
इस गांव का रहने वाला है आतंकी
असम के जमुनामुख, होजाई के सराक पिली गांव निवासी कमर उल-जमां उर्फ डॉ.हुरैरा ने इसी साल अप्रैल में सोशल मीडिया पर एके-47 के साथ अपना फोटो अपलोड किया था, जिसके बाद वह सुर्खियों में आ गया था। उल-मुजाहिदीन नाम से इसने डॉ. हुरैरा पोस्ट किया था। इसके बाद से यूपी एटीएस पूरे प्रदेश में उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी। करीब दो महीने पहले कमर उल-जमां चकेरी मोड़, शिव नगर निवासी पार्षद का चुनाव लड़ चुके उजियारी लाल यादव के पास पहुंचा। उसने खुद को एक निजी संचार कंपनी का कर्मचारी बताया। कहा कि टॉवरों की मरम्मत करता है। कमर उल-जमां ने उजियारी लाल को अपनी बातों में फंसा कर 3000 रुपये प्रतिमाह किराए पर उनके मकान के प्रथम तल में एक कमरा किराए पर ले लिया। तब से यहीं पर रहता था। उसके साथ दो और लोग भी रहते हैं, जो अक्सर यहां आया-जाया करते थे।
डीजीपी की पीसी के बाद जागी पुलिस
मकान में रहने वालों के अलावा मोहल्ले वालों व स्थानीय पुलिस अफसरों को भनक तक नहीं लगी। शाम चार बजे तक सीओ कैंट और चकेरी थानाप्रभारी आतंकी की गिरफ्तारी की जानकारी होने से इनकार करते रहे। शाम चार बजे लखनऊ में डीजीपी ओपी सिंह के कानपुर के आतंकी की गिरफ्तारी का खुलासा करने के बाद स्थानीय अफसर हरकत में आए। शाम 4ः30 बजे अहिरवां चौकी के दरोगा और सिपाही उजियारी लाल यादव के मकान में पहुंचे। पुलिस को खाना पकाने के कुछ बर्तन, गैस का छोटा सिलिंडर, एक दरी, चटाई, पानी का घड़ा और आरओ के पानी का एक केन के अलावा कुछ और सामान मिला है। इससे साफ है कि आतंकी बहुत साधारण तरीके से कमरे में रह रहा था। उसने कमरे में नया सीलिंग फैन लगाया था।
कुछ इस तरह बोला मकान मालिक
उजियारी लाल ने बताया कि करीब दो महीने पहले कमर उल-जमां उनके पास आया था। उसने अपना नाम नहीं बताया था। खुद को एक निजी संचार कंपनी के टॉवर का मैकेनिक बताया था। आईडी (पहचान पत्र) मांगा था, लेकिन वह टाल-मटोल करता रहा और फिर एक आधारकार्ड दिखाया। उजियारी के मुताबिक कमर उल-जमां के साथ दो और लोग रहते थे। वे कौन थे, वे नहीं जानते हैं। किराएदार पूजा ने पुलिस को बताया कि कमर उल-जमां स्कूटी से गृहस्थी का सामान लाया था। स्कूटी पर एयरफोर्स लिखा था। कमर उल-जमां के कमरे में अक्सर रात में दो-तीन लोग आते थे। भोर में कमरे से निकल जाते थे। उसने उसे अपना नाम करीम बताया था। वह किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। पीने का पानी तक बाहर से लेकर आता था।