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हरियाणा में खोला था लूट का ट्रेनिंग स्कूल, गूगल के जरिए एटीएम की करते थे खोज

locationकानपुरPublished: Mar 27, 2018 03:57:27 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

चकेरी स्थित तीन एटीएम काट कर पार कर ले गए थे 16 लाख, सीसीटीवी के जरिए कानपुर पुलिस के हत्थे लगे शातिर इंटरनेशलन चोर

चकेरी स्थित तीन एटीएम काट कर पार कर ले गए थे 16 लाख, सीसीटीवी के जरिए कानपुर पुलिस के हत्थे लगे शातिर इंटरनेशलन चोर
कानपुर। बचपन से उसका पढ़ाई-लिखाई में मन नहीं लगा तो परिजनों से मोटर मैंकेनिक का काम सिखाने के लिए एक दुकान में लगावा दिया। कई माह तक उसने मोटर मैकेनिक की बारीकियों को सीखा और पूरी तरह से निपुण हो गया तो उसने अपना रास्ता बदल दिया। हरियाणा के नुहू जिला निजामपुर गांव निवासी हाशिम अपने एक अन्य साथी के साथ आयाराम-गयाराम की दुनिया में कदम रख दिया और छोटी-मोटी चोरी की वारदातों को अंजाम देने लगे। इसी दौरान नुहू में अपराधियों ने एटीएम काट कर उससे पैसे पार कर दिए। हाशिम ने यह खबर अखबार में पढ़ी तो इसने अपना रास्ता ही बदल दिया और एटीएम काटने वालों की फैक्ट्री खोल फकीरा नाम का गैंग बना लिया। शातिर, आसपास के जिलों के छोटे-मोटे अपराधियों को यहां पर ट्रेंड करता और सरकारी एटीएमों को काटकर पैसा पार करवा देता। अरोपी, एटीएम की कटिंग भी इतनी सफाई से करते हैं कि गैस कटर की आग नोटों तक नहीं पहुंचती। हाशिम ने अपने अन्य सात साथियों की मदद से चेकेरी स्थित तीन एटीएम को काटकर उसमें रखे करी 16 लाख रूपए पार का दिए। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद आरोपियों ने बताया कि वह एटीएमों की खोज गूगल मैप के जरिए करते थे और सूनसान मिलते ही उसमें धावा बोलकर रूपए पार कर ले जाते थे।
नुहू व मेवात में बनाया हेडक्वार्टर
हरियाणा के नुहू जिला के निजामपुर गांव निवासी हाशिम एक मोटर मैकेनिक था। लेकिन पैसे की चाहत ने उसे अपराधी बना दिया। हाशिम ने नुहू जिला के आसपास के गांवों में रहने वाले फकीर, इकराम, लतीफ व कुरैशी गैंग को अपने साथ शामिल कर लिया और गिरोह को पूरे देश में सक्रिय कर दिया। आरोपियों ने उप्र, मप्र और राजस्थान का बार्डर होने के चलते नुहू व मेवात में अपना हेडक्वार्टर लिया। वहीं एटीएम काटने, कैमरा तोड़ने व पैसा निकालने की फरीदाबाद में ट्रेनिंग हो रही है।एसपी अनुराग आर्या ने बताया कि जिस दिन इन्होंने चकेरी में एटीएम को काटा और पैसे ले जाने लगे, तभी इनकी एक कार नजदीक लगे सीसीटीवी कैमरे में आ गई। फुटेज ख्ांगालने में पता चला कि कार यूपी के बजाए हरियाणा की है। हमने पुलिस की टीम के साथ हरियाणा का दौरा किसा और तभी हमें इस गैंग के बारे में जानकारी मिली। हमने नुहू से मुख्य आरोपी को अरेस्ट कर पूछताछ की तो गैंग के अन्य सदस्यों के नाम उसने बताए। इसी के बाद सभी आरोपी एक-एक कर धरे गए।
अलवर का रत्ती खान काटता था एटीएम
पुलिस की पूछताछ के दौरापन हाशिम ने बताया के पहले वह छोटी मोदी वारदातों को अंजाम देता था, लेकि मेरी मुलाकात अलवर राजस्थान के एटीएम काटने वाले गैंग के सरगना रत्ती खान से हुई। उसने मुझे एटीएम काटने के गुरू सिखाए और मैं शातिर एटीएम कटर बन गया। हाशिम के मुताबिक रत्ती ने अपने एक एटीएम में पैसा डालने वाले साथी की मदद से कई एटीएम को खोलते बंद करते हुए दिखवाया। अंदाजा हो गया कि किस मशीन की लोहे की चादर कितनी मोटी है या उसमें कंकरीट का इस्तेमाल हुआ है। इसके बाद फरीदाबाद में उसी मोटाई की चादर गैस कटर से काटने की ट्रेनिंग ली। इसके बाद शुरू हुआ फकीर, इकराम, लतीफ व कुरैशी गैंग के साथ एटीएम काटने का सिलसिला। उसने बताया, ढाई साल में बिहार, पंजाब, महाराष्ट्र व बेंगलुरु में एटीएम काटकर लाखों रुपये पार कर चुका हूं।
एटीएम काटते वक्त पानी का करते थे प्रयोग
शातिर बदमाश ने पुलिस को बुताया कि मशीन के अंदर लोहे की चादर और नोटों की ट्रे में ज्यादा फासला नहीं होता। यानी अगर जरा सा चूके तो गैस कटर की आग नोट वाली ट्रे तक पहुंच जाएगी और नोट आग पकड़ लेंगे। इसलिए एटीएम काटते वक्त पानी का प्रयोग करते थे, जिससे आग या लोहे की गर्मी से नोट आग न पकड़ें। एक एटीएम काटने में दस से बारह मिनट लगते हैं। एसपी अनुराग आर्या ने बताया किएटीएम काटकर रुपये चुराने में अलवर मांचा निवासी रत्ती खान, हरियाणा के भदस नुहू का आसिफ जावेद, वैसी नुहू निवासी अजरुद्दीन, हरियाणा के निजामपुर नुहू का हाशिम, हरियाणा रूपढाका परवल निवासी जमशेद, गाजियाबाद रामपार्क का असलम, हरियाणा रोपडा नुहू निवासी मुश्ताक की पत्नी आविदा व सास मजीदन को गिरफ्तार किया गया है। मुश्ताक दबिश के दौरान भागने में कामयाब रहा। ये लोग फकीर व कुरैशी गैंग के लिए काम करते हैं। इसमें रत्ती गिरोह का सरगना व मुश्ताक फाइनेंसर के साथ वाहन उपलब्ध कराने का काम करता है। इनको चकेरी के श्यामनगर से एक सूचना पर पकड़ा गया।
गूगल के जरिए खोजते थे एटीएम
एसपी अनुराग आर्या ने बताया कि गूगल मैप से हाईवे किनारे के एटीएम चिह्नित करने के बाद गिरोह की एक टीम जाकर पहले एटीएम का कैमरा तोड़ती। दूसरी टीम गैस कटर से एटीएम काटकर पैसा निकालने का काम करती। रास्ते मे पुलिस चेकिंग में पकड़े न जाएं इसलिए लग्जरी गाड़ियों में महिलाओं को बैठा लेते थे। वही औजार व असलहा के लिए बड़ा ट्रक का प्रयोग करते थे। हर 50 से 100 किमी पर नंबर प्लेट बदल देते थे। इससे दूसरे प्रदेश में प्रवेश करने से लोकल पुलिस रोकती नहीं। यदि कोई नंबर ट्रेस भी होता तो नंबर बदले जाने पर पुलिस की निगाह में नहीं आते थे। पुलिस ने इनके पास सेदो स्कार्पियो, ट्रक कंटेनर, एक लोडर, ढाई लाख नकद, चार तमंचे, 15 कारतूस, एटीएम काटने का गैस कटर, तीन सिलेंडर, रेगुलेटर, साबड़ बरामद किए हैं।
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