आपको बताते चलें कि कानपुर देहात में बीती 19 मई 2018 को रूरा थाना स्थित मड़ौली गांव में अवैध जहरीली शराब ने कई जिन्दगियों को निगल लिया था। करीब 18 मौतें होने के बाद आबकारी सहित पुलिस प्रशासन के होश उड़ गए थे। बावजूद यह गोरखधंधा न रुकने का परिणाम ये रहा था कि कुछ माह बाद ही प्रदेश के अन्य जनपदों में अवैध शराब से कई लोगों पर मौत हो गयी थी। इसलिए शासन ने अब रोकथाम का वीणा उठाया है। जनपद में अवैध शराब की तस्करी पर अब कारगर रोकथाम लग सकेगी। इसके लिए शासन ने कमर कसते हुए निर्देश जारी किए हैं।
अवैध शराब की तस्करी पर रोक लगाने के लिए निर्देशानुसार अब आबकारी इंस्पेक्टरों को तहसीलों में ही बैठना होगा। जिससे कि शराब की तस्करी की जानकारी पर आबकारी इंस्पेक्टर कुछ ही समय में यथास्थान पहुंचकर कार्रवाई करते हुए अपराधियों की धरपकड़ कर सकें। इसके अतिरिक्त उनके तहसीलों में बैठने से राजस्व प्राप्ति, प्रवर्तन व पर्यवेक्षण सहित अन्य कार्यों में सहूलियत मिलेगी। बताया गया कि जिले की 6 तहसीलों अकबरपुर, डेरापुर, भोगनीपुर, रसूलाबाद, मैथा व सिकंदरा तहसीलों में आबकारी इंस्पेक्टरों को कक्ष आवंटित करने की कवायद शुरू की जा रही है।
जिला आबकारी अधिकारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि आबकारी इंस्पेक्टरों को तहसीलों में ही बैठने की व्यवस्था करने के निर्देश शासन से मिले हैं। कक्ष आवंटन की प्रक्रिया चल रही है।