नवाबगंज निवासी प्रदीप कुमार नगर निगम कर्मचारी है। उनके पास कार नहीं बाइक है। बीते सोमवार को उनके मोबाइल पर ई-चालान का मैसेज आया। वह बिहार यातायात पुलिस की ओर से सीट बेल्ट न लगाने पर किया गया था। मैसेज देखकर वह दंग रह गए। प्रदीप का कहना था कि वह न तो बिहार गए थे और न ही उनके नाम से कोई कार है, तो फिर इस तरह का चालान कैसे कट सकता है। मोहल्ले से लेकर नगर निगम में चालान चर्चा का विषय बन गया।
प्रदीप नेचालान की कॉपी के साथ इसकी शिकायत एसपी ट्रैफिक सुशील कुमार से की। एसपी ट्रैफिक ने बताया कि इससे एक बात तो साफ है कि प्रदीप की बाइक की नंबर पर बिहार के पटना में कोई कार दौड़ रही है। यातायता नियमों का उल्लंघन न करने पर उसका चालान काट कर भेजा गया। चालान गाड़ी मालिक के मोबाइल नंबर और पते पर पहुंच गया। चालान के बाद से प्रदीप सहमे हुए हैं कि उनकी बाइक का नंबर डालकर कोई चोरी की कार दौड़ा रहा है। अगर इससे कोई अपराध हुआ तो वह भी जांच के दायरे में आएंगे। एसपी ट्रैफिक ने कहा कि पटना पुलिस से संपर्क कर के मामले की जानकारी दी जाएगी।
शनिवार को बारादेवी चौराहे पर नौबस्ता की ओर से एक बाइक पर सवार तीन युवकों को आते देख गरुड़ वाहिनी के सिपाही अतुल यादव ने रुकने का इशारा किया। बाइक सवार ने रफ्तार बढ़ा किदवईनगर की ओर गाड़ी मोड़ दी। संदिग्ध होने की आशंका में सिपाही अतुल ने उनका पीछा किया। कोपरगंज चौराहे पर ओवरटेक कर पकड़ लिया। बाइक पर सवार दो युवक तो भाग निकले, लेकिन बाबूपुरवा निवासी नबील सिद्दीकी हत्थे चढ़ गया। बाएं हाथ और पैर में काफी चोट लगने के बाद भी सिपाही ने आरोपित को नहीं छोड़ा।
रामादेवी चौराहे पर बगैर हेलमेट लगाए बाइक सवार दो सिपाही घूम रहे थे। इस दौरान किसी जागरूक व्यक्ति ने बाइक सवार पुलिसकर्मी का फोटो खींचकर कानपुर ट्रैफिक पुलिस के ट्विटर हैंडिल पर शिकायत कर दी। इस शिकायत को सिर्फ ट्रैफिक पुलिस ही नहीं डीजी कार्यालय समेत अन्य पुलिस अफसरों को भी टैग किया गया था। इसके चलते कुछ ही देर बाद ट्रैफिक पुलिस ने उसका पांच सौ रुपये का चालान काट दिया। सिपाही की पहचान भी संजय कुमार के रूप में हुई है।