क्या है पूरा मामला
काकादेव थाने में कांग्रेस के नेता व डीपीएस स्कूल के प्रबंधक आलोक मिश्रा व उनकी पत्नी बंदना मिश्रा सहित तीन अन्य के खिलाफ नवीन नगर निवासी बड़ौदा ग्रामीण बैंक की विजिलेंस मैनेजर भावना सान्याल व उनके पति देबजीत ने धोखधड़ी सहित कई अन्य मामलों में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है। देबजीत सान्याल ने बताया कि जनवरी 2018 में बेटे देवाश का टेस्ट दिला डीपीएस स्कूल में एडमिशन कराया। उस वक्त हमें बताया गया है कि स्कूल सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त है। दाखिले के दौरान हमसे फीस के तौर 21 हजार और 19,800 रुपये तिमाही फीस दो बार में जमा कराई गई। स्कूल प्रबंधक ने पुस्तकों से लेकर ड्रेस स्कूल से लेने के लिए मजबूर किया। पर हमने जब स्कूल की मान्यता के बारे में जानकारी की तो पता चला कि सीबीएसई बोर्ड ने इन्हें मान्यता नहीं दी।
बच्चे का किया मानसिक शोषण
देबजीत सान्याल ने बताया कि जब हमें पता चला कि स्कूल की मान्यता सीबीएसई बोर्ड से नहीं है तो हमने इसका विरोध किया और पूरे साल की फीस वापस करने को कहा। जिस पर स्कूल प्रबंधक ने बच्चे का शारीरिक, मानसिक उत्पीड़न किया और उसको छोटी क्लास में डालने के लिए मजबूर किया गया। इससे बच्चा काफी डर गया। उसने घर में बताया कि स्कूल गया तो मैडम अंगुलिया काट लेंगी। सितंबर 2018 में स्कूल प्रबंधन ने बच्चे को निष्कासित करने की सूचना दी और विरोध करने पर धमकी भी दी। बच्चे के पिता ने बताया कि स्कूल प्रबंधक ने जहां हमारा आर्थिक शोषण किया, वहीं बच्चे का कॅरियर भी बर्बाद कर दिया।
इस अधिनियम का किया उल्लंघन
पीडित पक्ष का आरोप है कि स्कूल ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 एवं उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क निर्धारण) अध्यादेश 2018 के नियमों का उल्लंघन किया है। हमारी यूपी सरकार के अलावा पुलिस-प्रशासन से मांग है कि ऐसे स्कूल प्रबंधक के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें, जिससे कि कोई दूसरा स्कूल संचालक किसी बच्चे का भविष्य खराब करने से पहले सौ बार सोंचे। मामले पर ंस्पेक्टर राजीव सिंह ने बताया कि भावना सान्याल की तहरीर पर स्कूल प्रबंधक समेत पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, धमकी आदि धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। दस्तावेजों की जांच के बाद कार्रवाई होगी।
कौन हैं आलोक मिश्रा
आलोक मिश्रा कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं। वो कल्याणपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। हलांकि वो विधायक का चुनाव जीत नहीं पाए। 2018 में अलोक मिश्रा ने अपनी पत्नी को कांग्रेस से कानपुर मेयर का चुनाव लड़वाया था। अलोक मिश्रा को सोनिया गांधी का करीबी बताया जाता है। कांग्रेस से जुड़े लोगों की मानें तो आलोक मिश्रा लोकसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी भी है। आलोक मिश्रा के कानपुर में कई स्कूल हैं। स्कूल संचालन का कार्य उनकी पत्नी बंदना मिश्रा करती हैं। कांग्रेसी नेता से इस मामले पर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।