रामचन्द्र का कहना यह भी है कि किस तरह से राजस्व के अधिकारी लेखपाल और भू माफियाओ ने जमीन पर कब्जा कर लिया। जिसके बाद से कई बार शिकायत अधिकारियों से की गयी कि किस तरह मेरी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है और मैंने अपने जमीन के कागज भी दिखाए, लेकिन प्रशासन ने कोई भी बात नही मानी। यहां तक कि मैने यह भी गुहार लगाई कि अगर लिखा पढ़ी में मेरी जमीन न हो तो मुझ पर कार्यवाई हो, लेकिन फिर भी कोई भी सुनवाई नही हुई। इसलिए वेवश होकर हम अपने पूरे परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठे और अगर मेरी सुनवाई नही होती है तो मैं खुद अपनी जान दे दूंगा। इस संबंध डेरापुर उपजिलाधिकारी दीपाली कौशिक से बात करने की कोशिश की तो सम्पर्क नहीं हो पाया।