इस तरह के लक्षण होने पर रहें सतर्क इस गंभीर समस्या को लेकर कानपुर देहात के सीएमओ डॉ हीरा सिंह ने बताया कि उक्त रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) साइलेंट किलर है, इसके कोई विशेष लक्षण नहीं दिखते हैं। फिर भी मरीजों को सिरदर्द होना या चक्कर आते हैं लेकिन अधिकांश मस्तिष्क, हृदय, किडनी और आंखों पर इसका प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि बचपन में हाईब्लड प्रेशर की समस्या होने से बच्चों में स्ट्रोक, हार्ट अटैक, किडनी फेल होने या आंखों की रोशनी कम होना, एथेरेस्क्लेरोसिस या धमनी के सख्त होने का खतरा ज्यादा रहता है। है ब्लड प्रेशर के लक्षण आवश्यक नही कि रोगी को दिखाई दें, लेकिन इसका प्रभाव शरीर पर पड़ता है। जो आगे चलकर बड़ी समस्या पैदा करता है। है ब्लड प्रेशर कुछ मामलों में सिरदर्द, आईसाइड इफेक्ट, चक्कर आना, नाकबन्द होना, धड़कन का तेज होने के साथ जी मिचलाने का कारण बन सकता है। इसलिए शुरुवात से ही इसको गंभीरता से लेकर इसका बचाव करना आवश्यक है। खासतौर से इससे ग्रसित रोगियों की दवाओं एवं उपचार का विशेष ध्यान रखें।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान 1-हम अपने खानपान के दौरान स्वाद के चक्कर मे भूल जाते हैं, जबकि हमें भोजन में कम नमक का प्रयोग करना चाहिए। 2-यह ध्यान रहे कि हरी सब्जियों व फलों का सेवन अधिकता में करें। इससे रक्तचाप संतुलित रहता है।
3-हम सब जानते हैं कि धूम्रपान व शराब का सेवन बेहद हानिकारक है। जबकि लोग तनाव में होने पर इसका सेवन करते हैं। जबकि हाइपरटेंशन के एवज में इससे बचना चाहिए। 4-यह ध्यान रखना चाहिए कि 6 माह में किसी अच्छे चिकित्सक से एक बार ब्लड प्रेशर जरूर चेक कराएं।
5-हो सके तो कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करें। इससे हाईब्लड प्रेशर में बचाव होता है। 6-प्रतिदिन एक घंटे तक व्यायायाम करना चाहिए। इससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है। अगर सुबह उठकर टहलेंगे या दौड़ लगाएंगे तो अधिक लाभ होगा।
7-शरीर का वजन बढ़ना इसका एक कारण है, वजन को संतुलित रखें और एक्टिव रहें।