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योगी सरकार में अन्नदाताओं के हैं ये हालात, बाजारों में चल रही लूटपाट, फिर आ खड़ा हुआ संकट

locationकानपुरPublished: Nov 13, 2018 05:09:57 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

जिले के सरवनखेडा व सिकंद्रा क्षेत्र में सहकारी समितियों में तालाबंदी के चलते रबी फसल बुवाई में उर्वरक न मिलने से किसानों के सामने संकट आ खडा हुआ है।

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योगी सरकार में अन्नदाताओं के हैं ये हालात, बाजारों में चल रही लूटपाट, फिर आ खड़ा हुआ संकट

कानपुर देहात-सहकारी समिति कर्मचारी संघ की तीन सूत्रीय मांगों लेकर चल रही हड़ताल किसानों के लिए मुसीबत बनाती जा रही है।दरअसल रवी की फसल की बुवाई का समय चल रहा और किसानों को उर्वरक नही मिलने से बुवाई के लिए किसानों को बाजार से महंगे दामों में उर्वरक खरीदनी पड़ रही है, जो किसानों की कमर तोड़ रही है। ऐसा ही कुछ हाल जनपद के सिकंदरा व सरवनखेड़ा क्षेत्र में साधन सहकारी समितियों का है, जहां समितियों में तालाबंदी से रबी की फसल बोआई के लिए किसानों को उर्वरक नहीं मिल रही है। किसान खुले बाजार से मंहगी उर्वरक खरीदने को मजबूर हो रहे हैं।
किसानों पर पड़ रही हड़ताल की मार

सहकारी समिति कर्मचारी संघ राज्य कर्मियों की भांति वेतन दिए जाने समेत तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। ऐसे में साधन सहकारी समितियों में तालाबंदी हो गई है। रवी फसल बोआई के समय सहकारी समिति कर्मियों की हड़ताल से किसानों को जरूरत की उर्वरक यूरिया, डीएपी या फिर एनपीके नहीं मिल पा रही है। जबकि खेंतो में पलेवा कर चुके किसान खुले बाजार से उर्वरक खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। भारतीय किसान संघ के प्रांतीय सदस्य कांधी के रामगोपाल गुप्ता ने बताया कि भाल गांव की मुबारकपुर समिति, रसधान की विलासपुर सहकारी समिति, खटकर गांव की सिकंदरा समिति, अनवा की गोपालपुर सहकारी समिति आदि में तालाबंदी है। समिति के चक्कर लगाकर किसान लौट रहे हैं। समिति कब खुलेगी और कब खाद मिलेगी, ये किसी को नही पता है। ऐसे में पलेवा कर चुके किसान खुले बाजार से महंगी उर्वरक खरीदने को मजबूर हो रहे हैं।
बोले सहकारिता के जिम्मेदार

सहायक विकास अधिकारी सहकारिता मनोज यादव ने बताया कि कई समितियां तो गबन को लेकर बंद हैं। वहीं अन्य समितियों में हड़ताल की वजह से तालाबंदी है। इधर सरवनखेड़ा ब्लाक के रनियां सहकारी समिति में भी हड़ताल की वजह से तालाबंदी है। ऐसे में रबी फसल की बोआई के लिए किसान चिंतित हैं। अनंतपुर गांव के धर्मेंद्र सिंह, बददापुरवा के अनिल कुशवाहा, सरदारपुर के राजू यादव आदि ने बताया कि समिति में बंदी से खुले बाजार में डीएपी के दाम आसमान छू रहे हैं। डीएपी 1400 से 1500 रुपये तक बिक रही है। रनियां साधन सहकारी समिति के सचिव मनोज अवस्थी ने बताया कि 14 नवंबर को संघ पदाधिकारियों की शासन स्तर से वार्ता होगी। इसके बाद आए निर्णय के अनुसार आगे कदम उठाया जाएगा।

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