कौन है आलोक अवस्थी
मूलरूप से उन्नाव जिले के थाना बीघापुर निवासी आलोक कुमार अवस्थी पुत्र तेज शंकर अवस्थी जो सेना में नौकरी करता था। लेकिन सेना में गैर जिम्मेदारा कार्य के चलते उसे बाहर कर दिया गया था। शातिर ने इसके बाद देश के कई राज्यों में जाकर अपने को सेना का जेसीओ बता बेरोजगार युवकों को सेना में नौकरी के नाम पर ठगी करने लगा। करीब डेढ़ साल के अंदर लगभग 150 लोगों से शातिर ने करोड़ों की रकम ऐंठ ली।
कैंट से दाबोचा गया
कुछ युवकों ने इसकी शिकायत यूपी पुलिस से की थी। इसी के बाद इसे दबोचने के लिए एसटीएफ को जिम्मेदारी दी गई। पिछले एक सप्ताह से एसठीएफ इसके मोबाइल की लोकेशन के जरिए ट्रेड कर रही थी। रविवार को एसटीएफ ने कैंट थानाक्षेत्र स्थित सर्किट हाऊस तिराहे से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ ने आरोपी के पास से भारतीय सेना का परिचय पत्र संख्या F062890 व आर्मी संख्या नम्बर 16115143P है, जो दिनांक 8 जून 2010 को मद्रास इंजीनियर ग्रुप सेंटर द्वारा SPR पोस्ट के लिए जारी किया गया था। जिस पर अभियुक्त आलोक कुमार अवस्थी का फोटो लगा है, व कैंटीन स्मार्ट कार्ड (लिकर कार्ड) नम्बर- LA05051068952000Q00 (सर्विंग) एक सादी चेक, पैनकार्ड 2550 मारुति वैगनआर कार बरामद किया है।
ऐसे युवाओं को जाल में फंसाता था
फर्जी जूनियर कमीशन अधिकारी ( भगोड़ा जवान इंडियन आर्मी) द्वरा अपने रिश्तेदारों व दोस्तां के माध्यम सम्पर्क में आये लोगो को अपना इंडियन आर्मी का परिचय पत्र व कैंटीन स्मार्ट कार्ड दिखा कर पहले उन्हें फंसाता। फिर इंडियन आर्मी में भर्ती के नाम पर रकम वसूलता था। युवाओं को शक न हो इसके लिए शातिर उन्हें बकाएदा इंडियन आर्मी के कैंटीन से सामानों की खरीदारी कराता था। सेना में ज्वाइन से पहले नटवरलाल युवाओं की परेड और रेस करवाता था।
3 से 5 लाख लेता था
भगोड़ा सेना के जवान लोगों को नौकरी के नाम पर 3 से पांच लाख की डिमांड करता। शातिर बेरोजगारों से नकद राशि लेता। उन्नाव, कानपुर, फतेहपुर, हमीरपुर और कानपुर देहात में शातिर ने कईयों को ठगा। इसके अलावा इस नटरवरलाल ने उत्तराखंड, मध्य्प्रदेश, बिहार में अपना कारोबार फैला रखा था और यहां भी कईयों से पैसा ले चुका था। आरोपी से कैंट पुलिस पूछताछ कर रही है। सीओ कैंट ने बताया कि इसके बारे में सेना को जानकारी दे दी गई है। साथ ही पुलिस अब इसके अन्य साथियों की तलाश कर रही है।