विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में शुल्क बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को पास कर दिया गया। दूसरी ओर परीक्षा में ड्यूटी करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों का परिश्रमिक बढ़ाकर उन्हें खुश कर दिया गया। बढ़ा हुआ पारिश्रमिक इसी वर्ष नौ मार्च की तारीख से लागू होगा, यानि इसी नए सत्र से पहले उन्हें इसका लाभ मिल जाएगा।
विश्वविद्यालय समिति ने विश्वविद्यालय और संबद्ध सभी महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों की पेंशन में नियोक्ता के अंशदान को १० से बढ़ाकर १४ प्रतिशत कर दिया गया है। अभी तक कर्मचारी के वेतन से दस प्रतिशत और नियोक्ता की तरफ से दस प्रतिशत अंशदान किया जाता था।
वित्त समिति की बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि शिक्षण कार्य के अलावा अतिरिक्त प्रशासनिक जिम्मेदारी निभाने वाले को अलग से मेहनताना दिया जाएगा। इसमें डीएसडब्ल्यू, चीफ प्रॉक्टर और हॉस्टल वार्डन को दो हजार रुपए प्रतिमाह, असिस्टेंट डीएसडब्ल्यू, असिस्टेंट चीफ प्रॉक्टर और असिस्टेंट हॉस्टल वार्डन को एक हजार प्रति माह परिश्रमिक दिया जाएगा।
विश्वविद्यालयों के सभी विभागों व हॉस्टलों के लिए ५०-५० हजार का बजट जारी होगा। जिससे छोटे-मोटे काम के लिए उन्हें विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसी पैसे से जरूरी चीजों की खरीदारी, मरम्मत, साफ सफाई के काम तुरंत कराए जा सकेंगे। इससे छात्रों को भी फायदा होगा और उन्हें अपने काम के लिए जरूरी संसाधनों का इंतजार नहीं करना होगा।