डीपीसीओ के तहत जिन दवाओं के दाम फिक्स किए गए हैं, उनमें अल्फा लिपोइक एसिड प्लस मेथाइल कोबालामिन, पाइरीडॉक्सिन, वोवेरान एक मिली इंजेक्शन प्रति पैक, डिक्लोफिनेक थायको, ग्लिमप्राइड, मेटफार्मिन वोगलीबोस, एमाक्सीसिलिन क्लीवेनिक एसिड (यूनीमैक्स), ग्लिप्राइड प्लस, मेटफार्मिन प्लस, वोग्लीबोस टेबलेट, एम्लोसेफ एमटी, इंस्टेक डी कैप्सूल, डोमेलॉग पी, प्रोग्लूट्रोल वी -०.२, प्रोग्लूट्रोल वी -०.३, प्रोग्लूट्रोल जी-२, प्रोग्लूट्रोल जी १ फोर्ट, पनजो आईटी, टारवासोन ८०, डिक्लोफिनेकप्लस थियोकॉलसीको साइड आदि दवाओं को शामिल किया गया है।
डीपीसीओ के तहत ली गई प्रमुख दवाओं में दर्द निवारक, ब्लड प्रेशर, गैस की दवाएं और एल्ब्यूमिन शामिल हैं। कंपनियां इन दवाओं को अलग-अलग दामों पर अलग कॉम्बीनेशन के साथ बेच रही हैं। हालांकि इन दवाओं की नई रेट सूची अभी आधिकारिक तौर पर उपलब्ध नहीं है, वेबसाइट पर यह मिल जाएगी।
दवा विके्रताओं ने डीपीसीओ के इस कदम को सही ठहराया है। दवा कारोबारी संतोष अग्रवाल का कहना है कि एल्ब्यूमिन जैसी जीवनरक्षक दवाओं के रेट फिक्स किया जाना आवश्यक था। इसके साथ ही डायबिटीज की दवा को भी दायरे में लेना सही है। फिलहाल जो दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं वह पुराने रेट पर ही मिल रही हैं।