पिछले कई दिनों से पूर्व विधायक अजय कपूर के भाजपा में ज्वाइन खरनें की खबरें आ रही थीं। लेकिन देरशाम राहुल गांधी के एक पत्र ने सारी अटकलों को विराम लगा दिया। पार्टी ने उन्हें बिहार का प्रभारी बनाया है। अजय कपूर को बिहार का प्रभारी बनाने से यह तय हो गया कि कांग्रेस उन्हें कानपुर और अकबरपुर में प्रचार के लिए नहीं रखना चाहती है क्योंकि कानपुर के बड़े कांग्रेसी नेताओं से उनका 36 का आंकड़ा है। अजय कपूर ने राहुल गांधी का अपने इस मनोनयन के लिए आभार जताते हुए कहा कि मैं उनकी सेना का सिपाही हूं। मैं कभी भी दूसरे दलों में जाने की सोंच ही नहीं सकता। कांग्रेस को बिहार में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज कराना अब मेरा मकसद है।
अटकलों में लगा विराम
इससे पहले सोशल मीडिया पर खबर उड़ी कि पूर्व विधायक अजय कपूर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा रहे हैं। एक खबर ने सियासी गलियारों में खलबली मचा दी है। दावा यहां तक है कि अजय कपूर 13 अप्रैल को कानपुर आ रहे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में पार्टी में शामिल होंगे। भाजपा के एक जिलाध्यक्ष ने पुरजोर दावे से कहा कि पार्टी प्रदेश प्रभारी जेपी नड्डा से बातचीत तय हो चुकी है। नड्डा भी उस वक्त मंच पर रहेंगे।
लोकसभा का मांगा था टिकट
अजय कपूर पुराने कांग्रेसी हैं और बुरे दौर में भी पार्टी की साख बचाने वालों में शुमार हैं। अजय कपूर कानपुर सीट से लोकसभा टिकट मांग रहे थे। पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल पर ही भरोसा जताया तो नाराज अजय कपूर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ देखे गए। चर्चा यहां तक हुई कि वह सप-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी भी हो सकते हैं। लेकिन अखिलेश यादव ने राजीव मिश्रा को टिकट दे दिया। इसके बाद खबरें आई कि अजय कपूर 13 अपैल को अमित शाह कह मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता लेंगे। पर ऐसा भी नहीं हुआ। अब उन्हें बिहार में पार्टी को मजबूत करनें की जिम्मेदारी दी गई है।