scriptइस वजह से बिना रंग के बीजेपी नेताओं के चेहरे लाल | bjp planning for lok sabha elections 2019 in up hindi news | Patrika News

इस वजह से बिना रंग के बीजेपी नेताओं के चेहरे लाल

locationकानपुरPublished: Mar 21, 2019 05:57:54 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

कानपुर सीट से मंत्री सतीश महाना के नाम पक्का होने की चल रही चर्चा, जबकि कानपुर-बुंदेलखंड की अन्य 9 सीटों पर चुनावी अखाड़े में हो सकते हैं नए चेहरे।

bjp planning for lok sabha elections 2019 in up hindi news

इस वजह से बिना रंग के बीजेपी नेताओं के चेहरे लाल

कानपुर। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पहली लिस्ट का इंतजार जल्द खत्म हो सकता है। उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से कईयों के नाम फाइलन हो चुके हैं। बताया जा रहा है कानपुर-बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटों में 7 पर नए चेहरे चुनाव के मैदान में होंगे। वहीं कानपुर नगर सीट से कैबिनेट मंत्री सतीश महाना को कमल का सिंबल दिए जाने की चर्चा चल रही है। वहीं देहात से भी पार्टी युवा चेहरे को टिकट थमा सकती है। इसी के चलते होली पर्व पर अधिकतर भाजपा नेताओं के बिना रंग के चेहरे लाल हैं। अधिकतर तो दिल्ली और लखनऊ में डेरा जमाए हुए हैं।

सतीश महाना का नाम आया सामनें
देश में होली का रंग गुलाल उड़ रहा है। अधिकतर राजनीतिक दलों के नेता अपने-अपने क्षेत्र में कार्यकर्ताओं के साथ रंग-गुुलाल के साथ होली पर्व मना रहे हैं। पर भाजपा नेताओं के चेहरों में रंग नहीं लगने के बाद भी लाल है। क्योंकि दिल्ली में संसदीय बोर्ड की बैठक के दौरान लोकसभा चुनाव के दावेदारों की लिस्ट तैयार हो रही है। वर्तमान सांसद, विधायक व दावेदार लखनऊ से लेकर दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं और टिकट पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। कानपुर नगर से डाॅक्टर मुरली मनोहर जोशी का नाम कटने की दशा में मंत्री सतीश महाना टिकट पाने की दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। जबकि देहात से भी सांसद देवेंद्र सिंह भोले की जगह विधायक अभिजीत सिंह सांगा के नाम पर भी मंथन चल रहा है।

7 बार से विधायक हैं महाना
महाना को लोकसभा का टिकट मिलने को लेकर सुबह से ही शहर में चर्चा रही। महाना सात बार के विधायक है। वह एक बार पहले भी प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। इस संबंध में सतीश महाना का कहना है कि अभी उन्हें पार्टी स्तर से कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है। जब तक प्रत्याशियों की सूची पार्टी से जारी नहीं हो जाती है, तब तक वह कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। पार्टी हाईकमान जो आदेश देगा उसे माना जाएगा। जबकि नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने कहा हमने भी टिकट की दावेदारी की है। जिसके नाम पर मुहर लगेगी उसे कानपुर से जिताकर संसद भेजा जाएगा।

इसलिए कट सकता है टिकट
सूत्र बताते हैं कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की तरफ से एक निजी एजेंसी के जरिए सभी सांसदों की लोकप्रियता का सर्वे कराया गया है। इस सर्वे रिपोर्ट में जोशी के अलावा छह अन्य सांसदों की निगेटिव मार्किंग की गई। कहा जा रहा है कि सांसद जोशी पिछले पांच वर्षोँ में कानपुर के लोगों में ज्यादा लोकप्रिय नहीं हो पाए। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि वह कानपुर से लोगों के बीच समय कम दे पाते थे। दूसरी वजह यह भी कही जा रही है कि प्रदेश की कोर कमेटी से जो नाम राष्ट्रीय इकाई को भेजे गए थे, उसमें जोशी समेत कई सांसदों का नाम नहीं था।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो