गूजर और बाजरे के गुण
गूलर का कच्चा फल कसैला एवं दाहनाशक है। जबकि पका हुआ गूलर रुचिकारक, मीठा, शीतल व कब्ज़ मिटाने वाला है। इसकी जड़ में रक्तस्राव रोकने तथा जलन को शांत करने का गुण है। यह आँखों के रोग, सीने के दर्द, सुखी खांसी, गुर्दे और तिल्ली के दर्द, सुजन, बवासीर मे खून जाना, खून की खराबी, त्क्तातिसार, कमर दर्द एवं फोड़े-फुंसियो में लाभप्रद है। इसी तरह बाजरा मैग्नीशियम का एक समृद्ध स्रोत है जो रक्तचाप और दिल के दौरे के खतरे को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है खासकर धमनियाँ सख्त होने के मामले में। बाजरा पोटेशियम का भी अच्छा स्रोत है जो अधिक रक्तचाप कम करने के लिए वाहिकाविस्फारक के रूप में काम करता है। यह आपके रक्तवाहिका तंत्र को सुधारता है।
गूलर का कच्चा फल कसैला एवं दाहनाशक है। जबकि पका हुआ गूलर रुचिकारक, मीठा, शीतल व कब्ज़ मिटाने वाला है। इसकी जड़ में रक्तस्राव रोकने तथा जलन को शांत करने का गुण है। यह आँखों के रोग, सीने के दर्द, सुखी खांसी, गुर्दे और तिल्ली के दर्द, सुजन, बवासीर मे खून जाना, खून की खराबी, त्क्तातिसार, कमर दर्द एवं फोड़े-फुंसियो में लाभप्रद है। इसी तरह बाजरा मैग्नीशियम का एक समृद्ध स्रोत है जो रक्तचाप और दिल के दौरे के खतरे को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है खासकर धमनियाँ सख्त होने के मामले में। बाजरा पोटेशियम का भी अच्छा स्रोत है जो अधिक रक्तचाप कम करने के लिए वाहिकाविस्फारक के रूप में काम करता है। यह आपके रक्तवाहिका तंत्र को सुधारता है।
महिलाओं के लिए उपयुक्त
चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी (सीएसए) विवि के कॉलेज ऑफ होमसाइंस के फूड साइंस एंड न्यूट्रीशन विभाग के वैज्ञानिकों का दावा है कि महिलाओं की सेहत के लिए यह बेहद उपयुक्त है। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. निरंकार गोयल के मुताबिक फाइकस रेसमोसा को आमतौर पर गूलर के रूप में जाना जाता है। इस पौधे की पत्ती, फूल, फल, छाल में औषधीय गुण होते हैं। यह पित्त संबंधी विकारों, पीलिया, पेचिश, मधुमेह, डायरिया, मुंह में छाले, रक्तस्राव को रोकने, महिलाओं में मासिक धर्म का असंतुलित होना आदि में लाभकारी है।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी (सीएसए) विवि के कॉलेज ऑफ होमसाइंस के फूड साइंस एंड न्यूट्रीशन विभाग के वैज्ञानिकों का दावा है कि महिलाओं की सेहत के लिए यह बेहद उपयुक्त है। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. निरंकार गोयल के मुताबिक फाइकस रेसमोसा को आमतौर पर गूलर के रूप में जाना जाता है। इस पौधे की पत्ती, फूल, फल, छाल में औषधीय गुण होते हैं। यह पित्त संबंधी विकारों, पीलिया, पेचिश, मधुमेह, डायरिया, मुंह में छाले, रक्तस्राव को रोकने, महिलाओं में मासिक धर्म का असंतुलित होना आदि में लाभकारी है।
बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
कृषि विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार के मुताबिक बाजरे में 75 प्रतिशत फाइबर (चोकर) विटामिन डी, विटामिन बी, सूक्ष्म तत्व जो हीमोग्लोबिन बढ़ाने व रक्त संचार संतुलित करने में मदद करते हैं। स्टार्च व शुगर की मात्रा नगण्य, नमी मी मात्रा दो फीसदी से कम मिलती है। बाजरे के इस्तेमाल से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। बिस्कुट का बेस गेहूं का आटा नहीं है बल्कि बाजरा है। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक और शुगर कम होगी। वैज्ञानिकों के अनुसार रिसर्च पूरा हो चुका है। प्रसंस्करण के लिए काम चल रहा है। शोर्धकर्ता डॉ. सीमा सोनकर और डॉ. प्रगति का कहना है कि गूलर मिक्स सूप भी तैयार किया गया है। जैम-जेली, मुरब्बा का स्वाद भी गूलरयुक्त मिलेगा।
कृषि विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार के मुताबिक बाजरे में 75 प्रतिशत फाइबर (चोकर) विटामिन डी, विटामिन बी, सूक्ष्म तत्व जो हीमोग्लोबिन बढ़ाने व रक्त संचार संतुलित करने में मदद करते हैं। स्टार्च व शुगर की मात्रा नगण्य, नमी मी मात्रा दो फीसदी से कम मिलती है। बाजरे के इस्तेमाल से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। बिस्कुट का बेस गेहूं का आटा नहीं है बल्कि बाजरा है। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक और शुगर कम होगी। वैज्ञानिकों के अनुसार रिसर्च पूरा हो चुका है। प्रसंस्करण के लिए काम चल रहा है। शोर्धकर्ता डॉ. सीमा सोनकर और डॉ. प्रगति का कहना है कि गूलर मिक्स सूप भी तैयार किया गया है। जैम-जेली, मुरब्बा का स्वाद भी गूलरयुक्त मिलेगा।