पंडित केए दुबे पद्मेश शहर के जाने मानें ज्योतिष आचार्य भी हैं। उनका मानना है कि जितनी देर तक लाइन में लगे रहेंगे उतनी देर तक मंत्र जाप का अवसर मिलता है। मंदिर परिसर में लाइन में लगे रहने से मन में भक्तिभाव और बढ़ता है। वे कहते हैं कि लोग मुझे लाइन में लगा देखकर कोशिश करते हैं कि मुझे जल्दी से दर्शन करा दें, पर मैं नियमों का पालन करता हूं और यही तरीका मुझे पसंद भी है। यही तरीका ईश्वर की कृपा का पात्र बनाता है।
शकुंतला शक्तिपीठ के आचार्य अमरेश मिश्रा भी मानते हैं कि शिवपूजन में वीआईपी संस्कृति की कोई जगह नहीं है। उनके अनुसार शिव अनुशासन के देवता हैं और अनुशासित भक्ति ही पसंद करते हैं। यानि भक्ति के दौरान आप न तो दूसरे के अधिकारों का हनन करें और न ही दूसरों के लिए परेशानी खड़ी करें। जो लोग लाइन में न लगकर जल्दी दर्शन का प्रयास करते हैं वे यही गलती कर जाते हैं और शिवकृपा से वंचित रहते हैं। इसलिए भावपूर्ण होकर लाइन में लगकर ही दर्शन करें।
आज रात १२ बजे शिवमंदिरों के पट बंद हो जाएंगे। परमट स्थित बाबा आनंदेश्वर धाम के पट रात २ बजे खुलेंगे और उसके बाद भक्त दर्शन कर सकेंगे। महिला और पुरुष भक्तों की अलग-अलग लाइन रहेगी और पार्किंग की व्यवस्था निशुल्क रहेगी। इसी तरह शहर के कई मंदिरों में दर्शन की व्यवस्था भी की गई है।