script

अजब-गजब मंदिरों के लिए जाना जाता है ये महानगर

locationकानपुरPublished: Jun 17, 2019 12:52:43 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

घाटमपुर में पग.पग पर मौजूद हैं प्राचीन धरोहरें, गुप्तकालीन और चंदेल वंशीय राजाओं के बनवाए मंदिर, यहां आते हैं अष्वस्थामा और बीरबल।

ancient temples of kanpur in up hindi news

अजब-गजब मंदिरों के लिए जाना जाता है ये महानगर

कानपुर। मैनचेस्टर ऑफ एशिया जिसे आर्थिक, क्रांतिकारी और धार्मिक नगरी के रूप में पहचाना जाता हैं। महानगर के आसपास के इलाकों में अनेकों धरोहरें हैं, जो एतिहासिक हैं और जिन्हें देखनें के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। पत्रिका डॉट कॉम आपको घाटमुपर तहसील के भीतरगांव ब्लॉक के प्राचीन सभ्यताओं और अजब-गजब मंदिरों के अलावा उन चुनिंदा मंदिरों के बारे में रूबरू कराने जा रहा है, जिन्हें अभी ने आपने सुना नहीं होगा। चाहे चंदेल वंशीय राजाओें द्वारा बनवाया गया लाखौरी ईटों का शिव मंदिर हो, तो वहीं मानसूनी पत्थरों से बना जगन्नाथ मंदिर है, जो बारिश होने की सटीक भविष्वाणी के लिए जाना जाता है। बीरबल की रखी नींव से निर्मित मंदिर हो य जहां अश्वसथामा आज भी भगवान शिव की पूजा करने के लिए आता है।

ancient <a  href=
temples of kanpur in up hindi news” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/06/17/p05_4720368-m.jpg”>

ईटों का मंदिर
भीतरगांव में सातवीं सदी में बनवाया गया गुप्तकालीन मंदिर इतिहास में दर्ज है। ईंटों से निर्मित इस मंदिर की खोज का श्रेय अंग्रेज पर्यटक कानिंघम को दिया जाता है। मंदिर के गर्भग्रह में कोई मूर्ति नहीं है। जबकि, ईंटों से निर्मित दीवारों पर पशु-पक्षियों और मनुष्यों की मैथुनरत प्रतिमाएं (खजुराहो) की तर्ज पर खंडित अवस्था में हैं। मंदिर में बने फलकों की कलाकृति दर्शनीय है। मंदिर के पट शाम होते ही बंद कर दिए जाते हैं और फिर यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता।

ancient temples of kanpur in up hindi news

मानसूनी मंदिर
घाटमपुर से आठ किमी की दूरी पर स्थित बेंहटा-बुजुर्ग गांव हैं। यहां पर भगवान जगन्नाथ जी का भव्य और प्राचीन मंदिर है। पुरी (उड़ीसा) की तर्ज पर निर्मित मंदिर के मुख्य गुबंद की छत पर लगे मानसूनी पत्थर की विशेषता है कि बारिश के दिनों में मानसून सक्रिय होने से एक सप्ताह पहले ही पत्थर से पानी की बूंदें टपकनी शुरू हो जाती हैं। पत्थर से पानी की बूंदें गिरने का रहस्य वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए हैं। मंदिर के पुजारी रवि कहते हैं कि मंदिर के गुबंद में जैसे ही पानी की बूंदे आनी शुरू हो जाती हैं, वैसे ही बारिश होने के संकेत मिले जाते हैं और किसान पूजा-पाठ शुरू कर देते हैं।

 

ancient temples of kanpur in up hindi news

भद्रेश्वर मंदिर
9 वीं शताब्दी में निर्मित निबियाखेड़ा का भद्रेश्वर मंदिर का ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक महत्व है। इनकी आभा, इतिहास और पौराणिक कथाएं देश-विदेश के श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। यें सूर्यवंशी राजाओं का बनवाया प्राचीन शिव मंदिर है। ईंटों से निर्मित मंदिर पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है। मंदिर की देखभाल के लिए केयर टेकर भी तैनात है। केयरटेकर रामनरेश पाल ने कहा कि पर्यटन के लिहाज से ये मंदिर लोगों को अपनी ओर आर्कषित करता है। बताया, मंदिर में कईबार चोरी हुई, लेकिन मूर्ति को चोर कभी हाथ नहीं लगा पाए।

 

ancient temples of kanpur in up hindi news

बैजनाथ मंदिर
मराठा शैली में निद्दमत कस्बा पतारा स्थित बैजनाथ धाम शिव मंदिर काफी प्राचीन है। इसका उल्लेख बुंदेलों के ग्रंथ आल्हा में भी मिलता है। चूना के गारे से बना मंदिर काफी प्राचीन और भव्य है। वहीं, गर्भगृह के भीतर स्थापित शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि यह इसी स्थान पर पाताल से निकला था। कानपुर-सागर राजमार्ग पर स्थित कसबा और ब्लाक मुख्यालय की बस्ती के भीतर बने बाबा बैजनाथ धाम पहुंचने के लिए ब्लाक मुख्यालय वाली रोड से होकर जाना पड़ता है। ग्रामीण सत्यदेव त्रिपाठी और रमेश गुप्ता ने बताया कि बाबा बैजनाथ की मूर्ति उनके अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में है। जबकि, मूर्ति कितनी प्राचीन है इसका कोई प्रमाणिक उल्लेख नहीं है।

 

ancient temples of kanpur in up hindi news

बीरबल ने बनवाया था मंदिर
सागर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सजेती से सिर्फ 500 मीटर दूरी पर स्थित बिहारेश्वर महादेव मंदिर अकबर के नवरत्न बीरबल द्वारा बनवाया गया था। ककई ईंटों से मुगल शैली में निद्दमत इस मंदिर की स्मृतियां महाकवि भूषण व छत्रपति शिवाजी से भी जुड़ी हैं। पुराने राजस्व अभिलेखों में इस मंदिर के नाम 84 बीघा भूमि व तालाब था। तलाब पूरी तरह से सूखे पड़े हैं। मंदिर के पुजारी रघुराज सिंह ने बताया कि बीरबल अक्सर यहां आते और महोदव की अराधना किया करते थे। कहते हैं, आज भी बीरबल की आहट यहां सुनाई पड़ती है।

 

ancient temples of kanpur in up hindi news

द्रोणाचार्य ने दी थी शिक्षा-दिक्षा
गंगा नदी तट पर करीब चार हजार सालों से आदिकालीन आस्था के मुख्य केंद्र खेरेश्वर महादेव मंदिर का शिवलिंग स्वयंभू है। मान्यता है कि इसी स्थान पर आदि गुरु द्रोणाचार्य ने महाभारत काल में कौरवों और पांडवों को शस्त्र शिक्षा दी थी। गुरु द्रोणाचार्य की कुटी के कई अवशेष अब भी दंडी आश्रम पर खुदाई के दौरान मिलते हैं। महंत सुरेंद्र पुरी ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ ब्रह्मांड भ्रमण के दौरान कुछ समय के लिए यहां रुके थे तभी यहां ईश्वरी कृपा से अनंतकाल में स्यंभू शिवलिंग की उत्पति हुई थी। स्थान के महत्व को देखते हुए महाभारत काल में गुरु द्रोणाचार्य ने गंगा नदी के तट पर अपनी कुटिया बनाई और अपने शिष्यों कौरवों और पांडवो को शस्त्र शिक्षा दी। यहीं पर द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा का भी जन्म हुआ।

ancient temples of kanpur in up hindi news

इस मंदिर में आते हैं अश्वत्थामा
शिवराजपुर में एक ऐसा शिव मंदिर बना हुआ है जो आज पूरे देश में अश्वत्थामा की वजह से काफी चर्चित है। वही अश्वत्थामा जिन्हें संपूर्ण महाभारत के युद्ध में कोई हरा नहीं सका था। मान्यता है कि वह आज भी अपराजित और अमर हैं। ग्रामीणों का दावा है कि, खेरेश्वर धाम मंदिर में सबसे पहले पूजा करने खुद अश्वत्थामा आते हैं। गांवववालों कहते हैं, वो अमर महामानव अश्वत्थामा है। जो अचानक तेज रौशनी के साथ प्रकट होता है, खड़ाऊं की आवाजें आने लगती हैं और फिर अचानक सन्नाटा छा जाता है। मंदिर के महंत, पुजारी और गांव वालों का ऐसा दावा है कि सावन के पहले सोमवार के दिन खेरेश्वर मंदिर में सबसे पहले खुद अश्वत्थामा महादेव को जल चढ़ाते हैं।

द्वारकाधीश मंदिर
द्वारकाधीश मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित मंदिर है, यह मंदिर कानपुर के कमला टावर के पास स्थित है । यह कानपुर का भव्य मंदिर है जो सभी रीती रिवाजो को फॉलो करता है। यह मंदिर अपने झूले के लिए प्रसिद्ध है जहाँ भक्त अत्यंत उत्साह के साथ देव युगल को झूला झुलाते हैं। दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं और मंदिर में माथा टेक कर मन्नत मांगते हैं। बताया जाता है, कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गवास्कर जब भी अपनी ससुराल कानपुर आते हैं तब वो इस मंदिर में जरूर जाते हैं।

 

ancient temples of kanpur in up hindi news

ट्रेंडिंग वीडियो