वहीं डीएम विजय विश्वास पंत और एडीएम फाइनेंस संजय चौहान ने बाढग़्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कैंपों के साथ राहत सामग्री वितरण की गहनता से निरीक्षण किया. जलस्तर घटते ही अब संक्रमण का खतरा पैदा हो गया है. फ्राइडे को निकली चटक धूप ने काफी उमस बढ़ाई, जिससे लोग काफी परेशान दिखे.
संक्रामक रोग को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को दवाओं के छिड़काव, फॉगिंग आदि कराने के निर्देश दिए गए हैं. गंगा बैराज किनारे बसे संजयपुरम, पहलवानपुरवा और नटवापुरवा में बाढ़ के पानी में गिरावट दर्ज की गई. वहीं तहसील सदर के कई गांवों में भी पानी उतरना शुरू हो गया है. कटरी लोधवाखेड़ा के चेनपुरवा, पहाड़ीपुर, धरमखेड़ा, चिरान, ख्योरा कटरी, हिंदूपुर और प्रतापपुर गांवों में बाढ़ के हालात में थोड़ी कमी आई है. यही हालात शिवदीन का पुरवा, डल्लापुरवा और पपरिया गांव का है. ट्यूजडे को लगभग 8,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए. 1200 से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. 18,543 लोग विभिन्न राहत शिविरों में हैं और 13,430 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है.
बिल्हौर में आंकिन, शिवराजपुर खेरेश्वर घाट, जागेश्वर मंदिर नवाबगंज, संभरपुर, परमट, डोमनपुर, पुराना कानपुर जूनियर हाईस्कूल, नागापुर और कटरी राजापुर समेत 12 स्थानों पर राहत चौकियां बना दी गई हैं.
फ्राइडे से जिला प्रशासन ने राशन का वितरण गांव में ही करने के निर्देश दिए हैं. वहीं लोगों से डीएम ने अपील की है कि पानी घट रहा है, संक्रामक रोग फैलने की उम्मीद है. इससे ग्रामीणों को बचाने के लिए लोग मच्छर मारने के मॉस्किटो, मच्छरदानी आदि का दान करें. पशुओं के भूसे की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है. गांवों में किटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है. डीएम ने ट्रैक्टर के जरिए गांवों का निरीक्षण किया. वहीं सांसद देवेंद्र सिंह भोले द्वारा ग्रामीणों को सूखे राशन का वितरण किया. वहीं कई लोगों ने अपने खर्चों पर लोगों को खाना खिलाया. इसमें कई समाजसेवी संस्थाओं के साथ मोहित सिंह, मनीष दीक्षित, दीपक द्विवेदी, नीरज गुप्ता, सुनील सिंह सहित अन्य लोगों ने बाढ़ पीडि़तों को दोपहर का खाना वितरित किया.