आईआरसीटीसी अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान की पैंट्रीकार में खाना गर्म रखने की व्यवस्था नहीं है. इसके साथ ही किचन की धुलाई करने की व्यवस्था भी नहीं है. पैंट्रीकार के बदलाव के दौरान इन समस्या को दूर कर दिया जाएगा. इसके बाद यात्रियों को गर्म और बेहतर क्वालिटी का खाना मुहैया हो सकेगा.
पैंट्रीकार को अपग्रेड करने के साथ रखरखाव की जिम्मेदारी भी आईआरसीटीसी की होगी. ट्रेनों में खानपान की सुविधा उपलब्ध कराने से होने वाली आय के बंटवारे में भी बदलाव किया जाएगा. अब तक इससे मिलने वाले राजस्व का 40 प्रतिशत हिस्सा रेलवे को मिलता था. अब इसे कम करके अब 15 फीसद किया जाएगा.
आईआरसीटीसी अधिकारियों के मुताबिक सफर के दौरान यात्रियों को बेहतर क्वालिटी का खाना मुहैया कराने के लिए ई-कैटरिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही निजी एजेंसियों के साथ समझौता किया गया है. यात्रियों से खानपान को लेकर फीडबैक भी लिया जा रहा है. ताकि खामियों को दूर किया जा सके. पैंट्रीकार में मिलने वाले खाने की क्वालिटी को लेकर रेलवे की छवि भी धूमिल होती है. इसको देखते हुए पैंट्रीकार को अपग्रेड करने का फैसला रेलवे ने लिया है. यहां बताते चलें कि प्रतिदिन 389 ट्रेनों का आवागमन होगा. वहीं एनसीआर की 100 से अधिक ट्रेनों में पैंट्रीकार हैं.
इस बारे में आईआरसीटीसी के पीआरओ सिद्धार्थ सिंह कहते हैं कि ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों को बेहतर क्वालिटी का खाना मुहैया कराने के लिए पैंट्रीकार को अपग्रेड करने का फैसला लिया गया है. ताकि उनका सफर पहले और बेहतर हो सके और उन्हें घर जैसे साफ-सुथरे खाने का आनंद दिया जा सके.