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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चलते मिला नया जीवन, इलाज के बाद रोहन का धड़कने लगा दिल

locationकानपुरPublished: Sep 26, 2018 02:51:33 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की कानपुर में हो गई शुरूआत, पहले दिन गोरखपुर से आए रोहन का निशुल्क में डॉक्टर्स ने किया इलाज, 2 लाख 25 हजार पात्र

2 lakh people get free treatment in ayushman scheme in kanpur

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चलते मिला नया जीवन, इलाज के बाद रोहन का धड़कने लगा दिल

कानपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के गरीबों को मुफ्त में इलाज की सुविधा देने के लिए आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरूआत पिछले दिनों की थी। 25 सितंबर से इस योजना का लाभ कानपुर के लोगों को मिलने लगा। कार्डियालॉजी में डॉक्टर्स ने मासूम रोहन (10) का निशुल्क में इलाज शुरू कर दिया। सबसे पहले उसकी जांच कराई गई। जिसमें रोहन के दिल में छेद के साथ ही फेफडों में प्रेशर बढ़ा होने की बात सामने आई। रोहन का इलाज कर रहे डॉक्टर विनय कृष्ण ने बताया कि रोहन को दिल की वीएसडी औश्र पीडीए नामक बीमारी है, जिसे ऑपरेशन के जरिए ठीक किया जाएगा। दवा के बाद पीड़ित का दिल कुछ हद तक काम करने लगा है और जल्द ही उसकी धड़कनें आम इंसानों की तरह धड़केंगी।

गोरखपुर से कानपुर किया गया रेफर
गोरखपुर निवासी रोहन पिछले तीन सालों से दिल की बीमारी से पीड़ित था। गरीब परिजन उसका इलाज पहले सरकारी अस्पताल में करवाते रहे, लेकिन फाएदा नहीं मिलने पर एसपहजीआई लखनऊ ले गए। जहां डॉक्टर्स ने इलाज में दो से तीन लाख रूपए खर्च होने की बात कही। इसी दौरान एसपीजीआई के एक डॉक्टर ने उन्हें आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के बारे में बताया और बेटे को कार्डियालॉजी कानपुर ले जाने की सलाह दी। परिजन मासूम को लेकर मंगलवार को शहर आए और अस्पताल में एडमिट करवाया। यहां रोहन के सारे चेकअप निशुल्क में कराए गए और जांच के बाद बीमारी का खुलाशा हो पाया। रोहन का इलाज कार्डियालॉजी के डॉक्टर विनय कृष्ण कर रहे हैं। डॉक्टर ने बताया कि बीमारी आखरी स्टेज में पहुंच चुकी है। फिर भी मासूम की दिल की धड़कने जल्द से जल्द ठीक कर देंगे।

2 लाख 25 हजार लोगों को मिला तोहफा
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत कानपुर के 2 लाख 25 हजार लोगों को लाभ मिला है। योजना की शुयआत 25 सितबंर से हो गई। इसके तहत लाभार्थी को पांच लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त मिलेगा। योजना के बारे में यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना ने कहा कि पहले योजनाएं बनती थीं पर कागजों पर दौड़ती थीं। अब योजनाएं धरातल पर उतरने लगी हैं। लाभार्थी पांच लाख तक का इलाज करा सकेंगे। यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है। उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि लोगों को समय पर और अच्छा इलाज मिले, इस काम को सरकार पूरा कर रही है। उन्होंने योजना में शामिल अस्पतालों के बारे में आम आदमी को सूचना देने की जरूरत भी बताई। मंत्री ने बताया कि आयुष्मान योजना में 15 सरकारी अस्पताल और 31 नर्सिंग होम फिलहाल शामिल किए गए हैं। कुछ नर्सिंग होम को औपचारिकताएं पूरा करना बाकी हैं, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
इस तरह से कराएं अपना इलाज
डीएम विजय विश्वास पंत ने बताया कि योजना में किसी तरह का कार्ड लाभार्थी को नहीं मिलेगा। 1455 टोल फ्री नंबर पर फोन करते ही ओटीपी आवंटित हो जाएगा। इसके साथ ही अस्पताल में नाम-पता और पूरा ब्योरा दर्ज होगा। किसी भी अस्पताल में जाएं और वहां के आयुष्मान मित्र को आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड दें। अगर आईडी को लेकर कुछ भी रिकॉर्ड पास में नहीं हैं तो अंगूठे के निशान से लाभार्थियों की सूची से पहचान कर ली जाएगी। इसके लिए अस्पतालों में स्कैनर की व्यवस्था है। डीएम ने कहा कि जो भी अस्पतालों को इस योजना में जोड़ा गया है वो पूरी पारदर्शिता के साथ लोगों का ठीक तरीके से इलाज करने के आदेश दिए गए हैं। शिकायत मिलने पर अस्पताल के डॉक्टर्स पर कार्रवाई भी की जाएगी।
इन अस्पतलों में कराएं इलाज
आयुष्मान योजना के तहत कानपुर के आई क्यू विजन सेंटर,शर्मा नर्सिंग होम,न्यू कबीरा हॉस्पिटल,गायत्री नर्सिंग होम, चांदनी नर्सिंग होम, राजरानी अस्पताल, न्यू सेवाधाम अस्पताल एशियन अस्पताल, मधुलोक अस्पताल, राजाराम हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर, आस्था हेल्थ केयर सेंटर, फॉर्चून अस्पताल, मेहरोत्रा डायग्नोसिस एंड ईएनटी हॉस्पिटल, एसपीएम अस्पताल, धन्वंतरि अस्पताल शामिल है। साथ ही केपीएम अस्पताल, जेके कैंसर संस्थान, कांशीराम अस्पताल, उर्सला अस्पताल, डफरिन अस्पताल, सीएचसी सरसौल, सीएचसी चौबपुर, सीएचसी कल्याणपुर, सीएचसी बिल्हौर, सीएचसी भीतरगांव, सीएचसी पतारा, सीएचसी बिधनू के सरकारी अस्पताल में योजना के पात्र अपना इलाज करा सकते हैं।

कमियों को दूर किया जाएगा
आयुष्मान योजना में शामिल अधिकतर सरकारी अस्पतालों में एक्सरे और अल्ट्रासाउंड तक की सुविधा नहीं है। सीएचसी पर न तो रेडियोलॉजिस्ट और न ही सर्जन हैं। इसी तरह कुछ सीएचसी पर सीजेरियन तक ही व्यवस्था नहीं है। उर्सला को छोड़कर एक भी सरकारी अस्पताल में आईसीयू नहीं है। उर्सला का भी आईसीयू बगैर विशेषज्ञ के चल रहा है। सीएमओ के मुताबिक धीरे-धीरे नर्सिंग होम रुचि ले रहे हैं। शासन को भेजी सूची ही लगभग फाइनल है। जो भी आवेदन आ रहे हैं उनका टीम सत्यापन कर रही है। कमियों को दूर किया जाएगा। साथ ही जिन सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं का टोटा हैं, वहां पर इसी माह तक सारी सुविधाएं मुहैया करा दी जाएंगी। हमने एक टीम गठित की है और वो अस्पतालों का दौरा कर कमियों को दूर करने में लगी है।

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