scriptअस्पताल में प्रसव पीड़ा से रातभर कराहती रही महिला, सात घंटे बाद इलाज करने आए डॉक्टर | Woman suffers with pain during labor overnight in Hospital in Kanker | Patrika News

अस्पताल में प्रसव पीड़ा से रातभर कराहती रही महिला, सात घंटे बाद इलाज करने आए डॉक्टर

locationकांकेरPublished: Sep 20, 2018 02:07:26 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

सुबह 9 बजे अस्पताल पहुंची मीडिया टीम तो जागा स्वास्थ्य विभाग, डिलीवरी के लिए किया गया भर्ती, केशकाल से रात दो बजे इलाज के लिए लाए थे परिजन

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अस्पताल में प्रसव पीड़ा से रातभर कराहती रही महिला, सात घंटे बाद इलाज करने आए डॉक्टर

कांकेर. जिला अस्पताल में रात दो बजे से सुबह 9 बजे तक प्रसव पीड़ा से एक महिला कराहती रही, इस दौरान न तो डाक्टर आए न ही नर्सों ने प्राथमिक उपचार के लिए हाथ बढ़ाया। सुबह सवा नौ बजे पीआरओ मीडिया ग्रुप में प्रसव पीड़ा से कराहती महिला की वीडियो वायरल होने के बाद डाक्टर अस्पताल पहुंचे, इसके बाद महिला को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया गया। यह हाल स्वच्छता में पुरस्कार पाने वाले जिला अस्पताल का हाल है, तो अंचल का क्या होगा।

बुधवार को सुबह पीआरओ मीडिया ग्रुप में पोस्ट वीडियो में प्रसव पीड़ा से तड़प रही रीता ठाकुर बोल रही थी कि वह रात दो बजे कोमलदेव जिला अस्पताल में डिलीवरी के लिए केशकाल से आई।

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रात से उसे प्रसव पीड़ा का दर्द हो रहा है। सुबह नौ बजे तक एक भी डाक्टर अस्पताल में चेकअप और प्राथमिक उपचार करने के लिए नहीं आए। वह प्राइवेट अस्पताल में डिलीवरी के लिए जाना चाह रही है। दूसरे वीडियो में पीडि़ता के मामा मेधनाथ ठाकुर बता रहे हैं कि रात दो बजे से उसकी भांजी प्रसव पीड़ा से तड़प रही है। अस्पताल में नर्सों को बताने के बाद भी किसी प्रकार का प्राथमिक उपचार नहीं किया गया।

वह केशकाल से अपनी भांजी को लेकर रात 1.30 बजे अपने घर से कांकेर के लिए निकला था। दो बजे अस्पताल भी पहुंच गया, लेकिन अस्पताल में कोई सुविधा नहीं है, डाक्टरों का अतापता नहीं है। उसने यह भी वीडियो में बोल रहा कि प्रसव पीड़ा से कराह रही भांजी का इलाज तो दूर अस्पताल का एक भी कर्मचारी देखने तक नहीं आया, ऐसे में सुरक्षित डिलीवरी होना संभव नहीं लग रहा है। प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला एवं उसके मामा का वीडियो पीआरओ ग्रुप में वायरल होने तक अस्पताल में डाक्टर महिला को देखने नहीं आए थे।

यानी सरकारी अस्पताल में सात घंटे प्रसव पीड़ा से तड़पने के बाद पीडि़त महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया। अब ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा कि नगर के सौ बिस्तर अस्पताल का यह हाल है तो अंचल के अस्पतालों में मरीजों के प्रति डाक्टर कितने संवेदनशील होंगे यह वीडियो स्वास्थ्य विभाग की पूरी सच्चाई खोलकर रख दी है। आखिर जिला अस्पताल में रात में ड्यूटी देने वाले डाक्टर और नर्स कहां गए थे जो महिला को सात घंटे तक प्राथमिक उपचार की सुविधा नहीं मिली और सुबह सामान्य ड्यूटी के समय डाक्टर और नर्स डिलीवरी कराने के लिए अस्पताल आए।

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