प्रभावित ने कहा कि जिन माओवादियों ने कई लोगों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया, कई सुरक्षाकर्मी को मार दिया, कई लोगों को मार मारकर अपने ही घर और जमीन से भगा दिया, उन माओवादियोंं को शासन की तरफ से नौकरी दी जा रही है। हम लोग माओवादियों से पीडि़त हैं, उनके लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है।
सरकार से हम गुहार कर रहे कि या हमारे परिवार से किसी एक सदस्य को छोटी मोटी सरकारी नौकरी और एक-एक आवास दे दो नहीं तो हम सबको गोली से मरवा दो। मंगलवार को माओवादी पीडि़त 127 परिवार अपनी समस्याओं को लेकर एक बार फिर कलक्टर के पास गुहार लगाने के लिए पहुंचे थे। पीडि़तों ने कहा कि हम नक्सल प्रभावित पीडि़त परिवार जो विभिन्न ग्रामों से भानुप्रतापपुर, अंतागढ़, आमाबेड़ा मे पुलिस अभिरक्षा में निवासरत है। यह कि अपना घर, खेती, बाड़ी सब छोडकऱ मजदूरी करके जीवन यापन कर रहे हैं।