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जान जोखिम में डाल कर यहां के ग्रामीण करते हैं नदी पार

locationकांकेरPublished: Nov 17, 2018 04:03:36 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

जिले के अंदरुनी क्षेत्रों में आज भी ऐसे ग्रामीण क्षेत्र देखने को मिलते हैं जहां अबतक पुल-पुलिया का निर्माण नहीं किया गया है

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जान जोखिम में डाल कर यहां के ग्रामीण करते हैं नदी पार

दुर्गूकोंदल. जिले के अंदरुनी क्षेत्रों में आज भी ऐसे ग्रामीण क्षेत्र देखने को मिलते हैं जहां अबतक पुल-पुलिया का निर्माण नहीं किया गया है जिसके चलते ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हम बात कर रहे हैं दुर्गूकोंदल से 30 किमी दूर ग्राम पंचायत बड़ेपराली की जहां पर पुलिया निर्माण नहीं किए जाने के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि वे पिछले कई वर्षो से पुलिया निर्माण करने की मांग कर रहे हैं, बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके चलते उन्हे सबसे ज्यादा बारिश के दिनो में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के दिनो में उनका महिनो गांव से निकलना मुश्किल हो जाता है। इसके लिए वे महिने भर पहले से ही तैयारियां कर रखे होते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब गांव में किसी का स्वास्थ्य राब हो जाए। ेसे में ग्रामीणों को प्राथमिक उपचार भी नसीब नहीं होता है। जिसके चलते कई लोगों की जान भी जा चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि इस मार्ग पर पुलिया निर्माण करने के लिए वे क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से लेकर उच्च अधिकारियों को लिखित रुप से आवदेन देकर मांग किए हैं, बाजवूद अबतक पुलिया निर्माण नहीं हो पाया है।
उन्होने बताया कि गांव में यदि 108, 102 जैसे आपातकालिन सुविधाएं भी नहीं पहुंच पाती है। जिसके चलते ग्रामीणों ने मांग किया है कि जल्द से जल्द उनके गांव के पुलिया का भी निर्माण किया जाए ताकि ग्रामीणों को आवागमन में किसी भी प्रकार की परेशानियां न हो।

वर्षों से कर रहे पुलिया निर्माण की मांग
क्षेत्र के ग्रामीणों ने पत्रिका से चर्चा करते हुए बताया कि उन्होने कई दफे जनदर्शन में भी गांव में पुलिया निर्माण करने की मांग की है, लेकिन उन्हे केवल आश्वसन ही मिलता आया है। उन्होने बताया कि चुनाव के वक्त प्रतिनिधी उनके गांव तक पहुंच कर पुलिया निर्माण करा देने की बात तो कहते हैं, लेकिन उनकी बाते केवल बाते ही होती है। अबतक न तो गांव में पुलिया का निर्माण हो पाया है और न ही अन्य विकास कार्य हुए हैं।

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