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अस्पतालों में नहीं है डॉक्टर, इलाज के अभाव में जा रही मरीजों की जान

locationकांकेरPublished: Sep 18, 2018 03:16:21 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

अंचल के अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी के चलते लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है

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अस्पतालों में नहीं है डॉक्टर, इलाज के अभाव में जा रही मरीजों की जान

कांकेर. अंचल के अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी के चलते लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है, इलाज के अभाव में लोगों की जान जा रही है। जबकि अधिकांश अस्पतालों में पदस्थापना लेने वाले चिकित्सक और कर्मचारी जुगाड़ पर करीब चार दर्जन से अधिक मुख्यालय में अपनी सेवा दे रहे हैं। वर्षों से चल रहे इस खेल में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ऐसे कर्मचारियों का वेतन भी पास कर रहे हैं। पत्रिका के पड़ताल में जानकारी मिली कि जिले में करीब ५० से अधिक कर्मचारी अटैचमेंट में चल हंै। कोई मंत्री के पाती पर तो कोई संचनालय के पत्र का हवाला देकर आम जनता को सुविधा न देख खुद की सुविधा ले रहे हैं। इस संबंध में सीएमएचओ से जानकारी चाही तो स्पष्ट जवाब देने से कन्नी काट गए। सूत्रों की माने तो एएनएम उमा मंडल की पद स्थापना पीबी ८४ में है और सेवा पखांजूर सिविल अस्पताल में दे रहीं हैं।

गौरांग व्यापारी की पद स्थापना पीएचसी कापसी में जबकि यह पखांजूर सिविल अस्पताल में अटैच हैं। फर्मासिस्ट के पद श्रीराम गहलोत की पद स्थापना कोयलीबेड़ा में है जबकि १० वर्षों से जीवन दीप समिति के साथ जुगाड़ पर नौकरी चल रही है। भानुप्रतापपुर ब्लॉक में शीला नामदेव महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोरर में अटैच किया गया है।

चाराम ब्लॉक में लैब टेक्निशियन केएल मरकाम का वेतन केटतरा से निकल रहा और जुगाड़ पर चारामा में वर्षों से जमे हैं। इसी तरह से महिला स्वस्थ्य कार्यकर्ता, नीलम देवी और सुभद्रा नाम को भी अटैच किया गया है। जीआर मंडावी लैब टेक्निशियन की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शाहवाड़ा में पदस्थ होने के बाद भी करीब ६ साल से चारामा में सेवा दे रहे हैं। नरहरपुर ब्लॉक की बात करें तो सीता साहू महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता की पद स्थापना उप स्वास्थ केंद्र दबेना में होने के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरहरपुर में संलग्न हैं। ओमबाई पटेल महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता का वेतन भनसुली के रजिस्टर से निकल रहा और वे स्वास्थ्य केंद्र नरहरपुर में संलग्न में चल रही हैं। लता साहू महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को सेवा बासनवाही में देनी है जबकि जुगाड़ के बदौलत नरहरपुर स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाओं का लाभ ले रही हैं।

डी. मरकाम सेक्टर सुपरवाइजर होने के बाद भी स्वास्थ्य केंद अमोड़ा में संलग्न चल रहे हैं। जगतराम मंडावी लेखा लिपिक सामुदासिक स्वास्थ्य केंद्र नरहरपुर में पदस्थ होने के बाद भी कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य केंद्र में पांच वर्षों से जुगाड़ के बदौलत मुख्यालय में पड़े हैं, जबकि वेतन नरहरपुर से निकल रहा है। कोमल साहू कुष्ट कार्यकर्ता फील्ड में कार्य न कर जुगाड़ के बदौलत चार साल से स्वास्थ्य केंद्र नरहरपुर में लेखा का कार्य देख रहे हैं। इसी तरह से मनीषा बजाज स्टॉप नर्स जिला अस्पताल को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र श्रीराम नगर में संलग्र चल रही हैं। मजे की बात यह कि नरहरपुर में एक ही वाहन होने के बाद भी तीन ड्राइवर एक ही वाहन पर सेवा दे रहे हैं। अब ऐसे में क्या कहा जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग में जुगाड़ के बल पर अपने-अपने संलग्न का खेल वर्षों से चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से अंचल में लोगों को स्वास्थ्य संबंध किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं मिल पा रही हंै। ऐसे में लोगों की जान जा रही है और विभाग के जिम्मेदार अफसर फाइल के बाजीगरी में जिला प्रशासन को सिर्फ गुमराह कर रहे हैं। अंचल में पूरी व्यवस्था चौपट हो चुकी है।

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