शव के पास बैनर लगाकर चेतावनी भरे शब्दों लिख दिए कि जो मुखबिरी करेगा उसके साथ यही व्यवहार होगा
लाल आतंक का कहर: चुनाव के नजदीक आते ही एक को उतारा मौत के घाट और फेंका पर्चा
कांकेर/पखांजूर. चुनाव आते ही माओवादियों की गतिविधियां तेज होने लगी हैं। बीती रात माओवादियों ने एक ग्रामीण की मुखबिरी के आरोप में परिजनों के सामने ही पीट-पीटकर हत्या कर दी और शव को सडक़ पर फेंक दिया। शव के पास बैनर लगाकर चेतावनी भरे शब्दों लिख दिए कि जो मुखबिरी करेगा उसके साथ यही व्यवहार होगा। ग्रामीण की हत्या की इस सूचना पर पखांजूर के आसपास क्षेत्र में दहशत फैल गई है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पखांजूर थाना क्षेत्र से महज 20 किमी दूर बीती रात करीब 70-80 की संख्या में हथियार बंद माओवादी माचपल्ली गांव में पहुंच गए। रैजूराम आचला पिता परालू आचला के घर हथियार बंद माओवादियों ने दस्तक दी और रैजूराम पर पुलिस मुखबिरी का आरोपी बताते हुए घर से उठा लिया। माओवादियों के सक्षम परिजनों हाथ पैर जोड़ फिर भी नहीं सुने और पिटाई करते हुए गांव के बाहर ले गए। जहां जन अदालत लगाकर रैजूराम को पुलिस का मुखबिर बताते हुए पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया और हत्या करने के बाद शव को माओवादियों ने माचपल्ली-स्वरूपनगर सडक़ पर फेंक दिया।
सुबह एक ग्रामीण की हत्या की सूचना मिली तो क्षेत्र में दहशत फैल गई। घटना स्थल पर माओवादियों ने बैनर लगा दिए थे। जिसमें माओवादियों ने लिखा है कि सन 2008 में गांव में बैठक कर रैजूराम और उसके परिवार वालों को समझाया गया था। वह पुलिस की मुखबिरी न करें, इसके बावजूद रैजूराम में कोई बदलाव नहीं हुआ। वह लगातार पुलिस का मुखबिरी कर रहा था।
इसी के आरोप में बीती रात उसकी हत्या कर दी गई है। घटना की जिम्मेदारी प्रतापपुर एरिया कमेटी के माओवादियों ने ली है। ग्रामीण की हत्या के सूचना पर क्षेत्र में दहशत फैल गई। बीएसएफ एवं पुलिस की टीम घटना स्थल पर पहुंची और इसके बाद शव को बरामद कर लिया औैर देर शाम शव पोस्ट मार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया।
पखांजूर के एसडीओपी शोभराज अग्रवाल ने बताया कि माओवादियों द्वारा रैजू आचला की हत्या की जानकारी मिली है। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है।