script

अष्टमी के दिन मां दुर्गा की पंडाल के पास दिखे दो तेंदुए, आसपास गांव में मचा हड़कंप

locationकांकेरPublished: Oct 08, 2019 02:12:08 pm

Submitted by:

Akanksha Agrawal

अष्टमी की रात करीब 2.30 बजे नगर के कोमलदेव क्लब में स्थित माता प्रतिमा के पास एक शावक के साथ दो तेंदुआ के आने की सूचना पर हडक़ंप मच गया।

अष्टमी के दिन मां दुर्गा की पंडाल के पास दिखे दो तेंदुए, आसपास गांव में मचा हड़कंप

अष्टमी के दिन मां दुर्गा की पंडाल के पास दिखे दो तेंदुए, आसपास गांव में मचा हड़कंप

कांकेर. शारदीय नवरात्र के अष्टमी की रात करीब 2.30 बजे नगर के कोमलदेव क्लब में स्थित माता प्रतिमा के पास एक शावक के साथ दो तेंदुआ के आने की सूचना पर हडक़ंप मच गया। देर शाम पहुंची वन विभाग की टीम ने दो तेंदुआ के पद चिन्हों को देखकर बताया कि साथ में एक शावक भी था। आबादी बीच इस तरह से तेंदुआ आने से लोगों में खौफ बढ़ता ही जा रही है।

तेदुंआ की आवाज पर कोमलदेव क्लब में सो रहा फुग्गा व्यापारी देखकर दुबक गया। कुछ देर बाद तीनों गेट से होते हुए चले गए। वैसे शारदीय नवरात्र का आयोजन कोमलदेव में करीब सौ साल से होते आ रहा है। मंदिर में माता की प्रतिमा स्थापित की जाती है। कोमलदेव क्लब के पदाधिकारियों ने बताया कि पहली बार किसी देवी मंदिर में तेंदुआ दिखा है। इसे कुछ लोग चमत्कार कह रहे हैं तो दूसरी तरफ कुछ लोगों ने कहा कि इस क्षेत्र मेें अक्सर तेंदुआ आता है। अष्टमी के दिन शाम के समय बारिश और हवा के चलते विद्युत आपूर्ति ठप हो गई।

आधी रात तक पूरा शहर घुप अंधेरे में डूबा हुआ था। शहर में रात को लोगों का आना जाना लगभग बंद था। देवी प्रतिमा के पास भी चहल पहल नहीं थी। इसी तरह से कोमलदेव में रात 12 बजे तक कुछ कार्यक्रम होने के बाद सभी लोग चले गए। इसी बीच दो तेंदुआ अपने एक बच्चे के साथ कोमलदेव क्लब में पहुंच गए है। प्रतिमा के पास एक व्यापारी सो रहा था। जो तेंदुआ की तेज आवाज सुनी तो सहम गया।

अष्टमी के दिन मां दुर्गा की पंडाल के पास दिखे दो तेंदुए, आसपास गांव में मचा हड़कंप

डिप्टी रेंजर कांकेर लोकमान्य ठाकुर ने बताया कि कोमलदेव क्लब के लोगों ने इसकी सूचना दी है। बीट गार्ड से निरीक्षण कराया तो कुछ पद चिन्ह दिख रहे हैं। हमारे यहां शेर नहीं हैं। तेंदुआ के पैरों का निशान है। जिसमें एक बच्चा और दो बड़े तेंदुआ कोमलदेव क्लब में आए थे।

कोमलदेव ट्रस्ट कोषाध्यक्ष तरुण राय ने बताया कि करीब एक सौ साल से माता रानी से मिलने के लिए शेर आता है। इस बार भी वह आया और मिल कर चला गया। किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। उसके पद चिन्हों से लगता है कि तीन थे। माता से मिलने के लिए आए थे।

ट्रेंडिंग वीडियो