रेत के अवैध करोबार में करोड़ों का खेल हो रहा है। ग्राम पंचायत को कागज में मिलने वाली रायल्टी ट्रैक्टर की 60 रुपए और हाइवा पर दो सौ रुपए दर्शाया जा रहा है। जबकि मौके पर एक ट्रैक्टर से 5 सौ रुपए और हाइवा से 3 हजार रुपए लिया जा रहा है। रेत के काले कारोबार में सफेदपोशों का सरंक्षण मिल रहा है। रविवार को पत्रिका टीम सुबह रेत खदान बारदेवरी पहुंची तो बड़ी संख्या में हाइवा और पोकलेन से खनन हो रहा था।
टीम ने मशीन के उपयोग की जानकारी चाही तो खनन माफिया बोले प्रदेश में हमारी सरकार है। सरकार ने हमें रेत खनन के लिए अनुमति दिया है। खनिज विभाग से अनुमति लेकर खनन कर रहे हैं। भिलाई से खनन करने के लिए आए हैं। उच्चाधिकारियों की सेवा करते हैं। मशीन पर हमें रोक नहीं है। खनन माफियों ने कहा सरकारी दर पर ग्राम पंचायतों में रायल्टी जमा कर रहे हैं। दो से तीन हजार रुपए यहां काम करने वाली टीम के पास प्रति चक्कर हाइवा की दर से जमा हो रहा है। मशीन से रेत भरने का अलग पैसा लिया जा रहा है। चाहे जहां शिकायत करना हो कर लें रेत खनन का कार्य मशीन से यहां चलेगा।