जानकारी के अनुसार ग्राम मिचेसुखई निवासी शनिराम हुर्रा (28) पिता नोहर सिंग की शादी ग्राम आमाकोट में हुई थी। हुर्रा अपनी पत्नी के साथ अपने घर मिचेसुखई में रहता था। एक साल पहले हुर्रा और उसकी पत्नी में किसी बात पर विवाद हो गया तो वह अपने मायके आ गई। एक साल से हुर्रा की पत्नी अपने मायके में ही रह रही थी। 10 जुलाई को शनिराम अपनी पत्नी को लेने के लिए ग्राम आमाकोट ससुराल आया था।
शाम करीब 7 बजे अपनी पत्नी से बात कर रहा था तभी उसका साढ़ू किशोर धु्रव (38) पिता लच्छन नरेटी पहुंच गया। इसी बीच दोनों घर जमाई राजा में विवाद बढ़ गया। दोनों में लाठी डंडे चलने लगे इस बीच शनिराम की पत्नी ने अपने पड़ोसी मेहर सिंग पोटाई (37) पिता मंगलुराम को सूचना दे दी। मेहर सग पहुंचा तो दोनों में हो रहे विवाद को खत्म कराने के बजाए शनिराम हुर्रा को डंडे से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। शनिराम हुर्रा को बेहोश देख घटना को छुपाने के लिए साढ़ू किशोर धु्रव और पडोसी मेहर सिंह ने एक वाहन से हुर्रा को लेकर भानुप्रतापपुर अस्पताल पहुंच गए। जहां डाक्टरों ने शनिराम को मृत घोषित कर दिया।
इस दौरान डाक्टरों को कुछ शक हुआ तो पुलिस को सूचना दे दी। डाक्टरों की सूचना पर अस्पताल पहुंची पुलिस टीम ने शव को अपने कब्जे में लेकर पीएम कराया तो हत्या करने की पुष्टि हो गई। पुलिस टीम ने उक्त मामले में जांच पड़ताल में जुटी तो एक-एक कड़ी खुलती चली गई। पुलिस ने सुसराल में साढ़ू और साले को हत्या के आरोप में गिरफ्तार भी कर लिया। पुलिस ने जब दोनों आरोपियों से कड़ाई से पेश आई तो घटना के बारे में कुबूल कर लिए। सिकसोड़ पुलिस के समक्ष आरोपियों ने स्वीकार किया कि वह घर में ही युवक की डंडे से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। मामले को छुपाने के लिए अस्पताल लाए थे। पुलिस नें अपराध दर्ज कर लिया है।
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