खनिज विभाग की ओर से दो प्रकार की स्वीकृति दी जा रही है। मजदूर से वाहनों में लोडिंग और सिमी मेकनाइज यानी नदी से बाहर मशीन से रेत को लोड करना है। जबकि जिले की रेत खदानों में मशीन का उपयोग किया जा रहा है। सिमी मेकनाइज के आड़ में नियम का पालन नहीं हो रहा है। विभाग के अधिकारी और उच्चाधिकारियों से पत्रिका से बात की तो साफ शब्दों में कहा गया कि मिसी मेकनाइज से रेत उत्खनन कराना यानी मजदूरों द्वारा नदी से रेत को बाहर एकत्र करना है। उस रेत को वाहन में लोड किया जाना है। नदी में मशीनों से रेत का खुलेआम उत्खनन नहीं होना है। मशीन के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंधित है। ग्राम पंचायत और नगर पंचायत के नाम पर रेत खदान की स्वीकृति लेने के बाद खुलेआम मशीन लगाया जा रहा है। सूरज ढलने के बाद भी रेत का खनन किया जा रहा है। जबकि रात के समय रेत खनन पर रोक है। नियम निर्देश को ठेगा दिखाकर चाराम में खुलेआम रात को पोकलेन मशीन से रेत पर डाका डाला जा रहा है।