एबीवीपी के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रहे मूल सिंह राठौड़ ने 1 नवम्बर को कुलपति प्रो. गुलाब सिंह चौहान से शिकायत करके तय समय सीमा में ऑडिटेड चुनावी खर्च जमा नहीं करवाने पर छात्रसंघ अध्यक्ष का नामांकन खारिज करने की मांग की थी। गौरतलब है कि छात्रसंघ अध्यक्ष सहित विवि की छात्र संसद के सभी 38 पदाधिकारियों ने अक्टूबर के प्रथम पखवाड़े में ऑडिटेट चुनावी खर्च का ब्यौरा विवि को दिया था जबकि नियमानुसार उन्हें 25 सितम्बर तक इसकी सूचना विवि को देनी थी। लिंगदोह कमेटी के अनुसार मतगणना के दो सप्ताह के भीतर चुनावी खर्च जमा नहीं करवाने वाले प्रत्याशियों का नामांकन शून्य हो जाता है। उधर छात्रसंघ का कार्यकाल 30 अप्रेल को खत्म हो रहा है यानी छात्रसंसद को कार्य करने के लिए केवल चार महीने का समय शेष बचा है।
कम्प्यूटर, टेबल-कुर्सी तो दो छात्रसंघ उपाध्यक्ष पंचारिया ने विवि प्रशासन को पत्र लिखकर ऑफिस टेबल व कुर्सी, 10 अन्य कुर्सियां, सोफा व सेंटर टेबल, कम्प्यूटर, प्रिंटर, छोटा वाटर कूलर, एसी सहित अन्य आवश्यक स्टेशनरी की मांग की है। छात्रसंघ महासचिव सोलंकी के पास भी इनकी कमी है जबकि छात्रसंघ अध्यक्ष चौधरी के कार्यालय में सभी सुविधाएं पहले से हैं। उनके कार्यालय में 6 से 8 एसी, करीब 50 कुर्सियां, सोफा सेट का बड़ा सेट, एलईडी टीवी, कम्प्यूटर, अलमारी, कई टेबलें व कार्यालयी कुर्सियां हैं। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कांता ग्वाला का कार्यालय चौधरी को सीधा मिल गया था। ऐसे में सारी सुविधाएं पहले से मौजूद थी।
राजस्थान विवि में फण्ड देते हैं तो यहां क्यों नहीं
प्रदेश के सबसे बड़े विवि जयपुर स्थित राजस्थान विवि में छात्रसंघ अध्यक्ष को छात्रसंघ फण्ड में से 35 प्रतिशत, महासचिव को 25 प्रतिशत, उपाध्यक्ष व संयुक्त सचिव को 20-20 प्रतिशत मिलता है, जबकि जेएनवीयू सारा फण्ड छात्रसंघ अध्यक्ष को सौंप देता है जो गलत है। हमें भी फण्ड मिलना चाहिए ताकि छात्र हित में हम भी कार्य कर सकें।
बबलू सोलंकी, छात्रसंघ महासचिव, जेएनवीयू