बिजली चोरी व छीजत को कम करने के लिए अब उपभोक्ताओं को टैग करने की तैयारी की जा रही है। यह टैगिंग ट्रांसफार्मर स्तर तक होगी। इसमें डिस्कॉम सिस्टम के जरिये जितनी बिजली उस ट्रांसफार्मर से प्रवाहित हो रही है और जितना बिल उससे जुड़े उपभोक्ताओं से आ रहा है वह जांचा जाएगा। इसके बाद जिस ट्रांसफार्मर पर सर्वाधिक बिजली चोरी ट्रेस होगी, उस क्षेत्र को ब्लैक लिस्टेड कर बिजली चोरी पकडऩे के लिए अभियान चलाया जाएगा।
ऐसे होगा ट्रेस
अभी बिजली का बिल एक एईएन कार्यालय से बनता है। उनके अधीन कई जीएसएस होते हैं। एक जीएसएस पर तीन से चार फीडर होते हैं। अभी तक फीडर लॉसेस तक की बिजली चोरी ट्रेस की जाती है। अब एक फीडर के अधीन आने वाले कई ट्रांसफार्मर पर डिवाइस लगाने की तैयारी है। इससे उस ट्रांसफार्मर से दी गई बिजली व बिल की गणना की जा सकेगी।
अभी बिजली का बिल एक एईएन कार्यालय से बनता है। उनके अधीन कई जीएसएस होते हैं। एक जीएसएस पर तीन से चार फीडर होते हैं। अभी तक फीडर लॉसेस तक की बिजली चोरी ट्रेस की जाती है। अब एक फीडर के अधीन आने वाले कई ट्रांसफार्मर पर डिवाइस लगाने की तैयारी है। इससे उस ट्रांसफार्मर से दी गई बिजली व बिल की गणना की जा सकेगी।
प्रमुख शासन सचिव ने लिया फीडबैक
प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवान इसी मुद्दे पर तीनों डिस्कॉम में अधिकारियों की वीसी ली। इस कार्य को 31 मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य दिया है। ट्रांसफार्मर वाइज लॉसेज, अंडर व ओवर लोड, कंजूमर चिह्निकरण और ट्रांसफार्मर बर्निंग का भी पता चलेगा।
प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवान इसी मुद्दे पर तीनों डिस्कॉम में अधिकारियों की वीसी ली। इस कार्य को 31 मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य दिया है। ट्रांसफार्मर वाइज लॉसेज, अंडर व ओवर लोड, कंजूमर चिह्निकरण और ट्रांसफार्मर बर्निंग का भी पता चलेगा।
पहले लगाए थे मीटर करीब पांच साल पहले भी एक पहल ट्रांसफार्मर पर मीटर लगाने की हुई थी। लेकिन वह पूरी तरह से सफल नहीं हो सकी। सभी ट्रांसफार्मर में यह मीटर लगे नहीं। जहां लगे उनकी भी पूरी मॉनिटरिंग नहीं हुई। इसी कारण एक फीडर तक ही मॉनिटरिंग हो रही थी।
इनका कहना…
कंज्यूमर इंडक्शन या टैगिंग प्रक्रिया का काम चल रहा है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक क्षेत्र विशेष को पहचान कर वहां बिजली चोरी के विरुद्ध अभियान चलाया जाएगा। – सुमेरसिंह यादव, प्रबंध निदेशक, जोधपुर डिस्कॉम।
कंज्यूमर इंडक्शन या टैगिंग प्रक्रिया का काम चल रहा है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक क्षेत्र विशेष को पहचान कर वहां बिजली चोरी के विरुद्ध अभियान चलाया जाएगा। – सुमेरसिंह यादव, प्रबंध निदेशक, जोधपुर डिस्कॉम।