डॉक्टर बनना था लेकिन कोचिंग के रुपए नहीं थी
पिंकी ने बताया कि उसका सपना था कि वह पढ़ाई करने के बाद डॉक्टर बने। लेकिन जब नीट के एग्जाम की तैयारी करते समय सहपाठी छात्रों से बात की तो पता लगा कि सभी छात्राए निजी संस्थानों से कोचिंग कर रही हैं। जिसकी फीस उनके पिता एक साल की इनकम से ज्यादा थी। इस पर उसने घर पर पढ़ाई कर एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करने लगी। इसके लिए वह सुबह जल्दी उठकर पढ़ती थी। पिंकी ने बताया कि वह सुबह 4 बजे से 10 बजे तक पढ़ती थी। इसके बाद दिन में खेतों में काम करते समय सुबह की पढ़ाई का रिवीजन काम करते समय करती थी। इसके बाद रात आठ से 12 बजे तक पढ़ती थी।
पिंकी ने बताया कि उसका सपना था कि वह पढ़ाई करने के बाद डॉक्टर बने। लेकिन जब नीट के एग्जाम की तैयारी करते समय सहपाठी छात्रों से बात की तो पता लगा कि सभी छात्राए निजी संस्थानों से कोचिंग कर रही हैं। जिसकी फीस उनके पिता एक साल की इनकम से ज्यादा थी। इस पर उसने घर पर पढ़ाई कर एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करने लगी। इसके लिए वह सुबह जल्दी उठकर पढ़ती थी। पिंकी ने बताया कि वह सुबह 4 बजे से 10 बजे तक पढ़ती थी। इसके बाद दिन में खेतों में काम करते समय सुबह की पढ़ाई का रिवीजन काम करते समय करती थी। इसके बाद रात आठ से 12 बजे तक पढ़ती थी।