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डॉक्टर बनने के लिए खेतों में मजदूरी कर पढ़ाई की

locationजोधपुरPublished: Aug 26, 2018 10:36:45 pm

मेडिकल कॉलेज मे हुआ चयन

To become a doctor, he used to do wages in the fields.

डॉक्टर बनने के लिए खेतों में मजदूरी कर पढ़ाई की



जोधपुर.
बनाड़ के जाटों की ढाणी में रहने वाली 18 वर्षिय पिंकी ने खेतों में मजदूरी के साथ पढ़ाई कर डॉक्टर बनने का सपना पुरा कर लिया। घर की आर्थिक स्थिती कमजोर होने के बावजूद पिंकी ने उसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। दिनभर खेतों में काम और रात को पढ़ाई कर उसने नीट(नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट ) की तैयारी की। बनाड़ के जाटों की ढाणी में रहने वाली पिंकी के पिता पेमाराम छबरवल किसान है। उनके बेटा नहीं होने पर चारों बेटियों को बेटा समझ कर परवरिश की। आर्थिक स्थिती से कमजोर होने के बावजूद उन्होंने चारों बेटियों को पढ़ाया। पिंकी ने बताया कि एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के लिए कोचिंग की बजाए घर पर पढ़ाई की। वह दिन के समय खेतों में पिता के साथ काम करती थी। खेतों में काम करने कारण पढ़ाई के लिए समय कम मिलने पर उसने काम को कमजोरी की बजाए अपनी ताकत बनाया। इसके लिए पढ़ाई करने के बाद खेतों में काम करते समय रिवीजन करती थी। नीट की कॉउंसलिंग के बाद उसका उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ में स्थित मेडिकल कॉलेज में चयन हुआ है। उसकी दो छोटी बहनों के 10 दसवीं बोर्ड में 90 प्रतिशत माक्र्स आए।
डॉक्टर बनना था लेकिन कोचिंग के रुपए नहीं थी
पिंकी ने बताया कि उसका सपना था कि वह पढ़ाई करने के बाद डॉक्टर बने। लेकिन जब नीट के एग्जाम की तैयारी करते समय सहपाठी छात्रों से बात की तो पता लगा कि सभी छात्राए निजी संस्थानों से कोचिंग कर रही हैं। जिसकी फीस उनके पिता एक साल की इनकम से ज्यादा थी। इस पर उसने घर पर पढ़ाई कर एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करने लगी। इसके लिए वह सुबह जल्दी उठकर पढ़ती थी। पिंकी ने बताया कि वह सुबह 4 बजे से 10 बजे तक पढ़ती थी। इसके बाद दिन में खेतों में काम करते समय सुबह की पढ़ाई का रिवीजन काम करते समय करती थी। इसके बाद रात आठ से 12 बजे तक पढ़ती थी।

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